भगवान की लीलाओं के पीछे छिपा है कोई ना कोई संदेश-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

 


हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण कराते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण को माखन चोर कहना पूरी तरह अनुचित है। कंस के राक्षसों से मुकाबला करने के लिए बृजवासी बालकों को शारीरिक रूप से बलवान बनाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण गोपिकाओं के घर जाकर उन्हें दूध, दही, माखन आदि खिलाया करते थे। भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों संग चीरहरण लीला भी उन्हे दुष्ट राक्षसों की कुदृष्टि से बचाने के लिए की थी। जिस समय उन्होंने चीरहरण लीला की उनकी आयु मात्र छह वर्ष थी। चीरहरण लीला के जरिए भगवान ने सभी को स्नान करते समय, दान देते समय, सोते समय, चलते फिरते समय बिना वस्त्रों के नहीं रहने की शिक्षा दी। शास्त्री ने बताया कि भगवान की सभी लीलाओं के पीछे कोई ना कोई संदेश छिपा है। भागवताचार्य पवन कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को गोवर्धन महोत्सव की कथा का भी श्रवण कराया। इस अवसर पर मुख्य यजमान विपिन वडेरा, पूनम वडेरा, विवेक वडेरा, प्रदीप वडेरा, अन्नू वडेरा, लक्ष्य वडेरा, रियांश बडेरा, मीनू डल, पुष्पेंद्र डल, ममता पुरी, अजय कुमार शायी, सुमित शायी, गीता शायी, लक्ष्मी शायी, सपना बीज, सतीश कुमार बीज, पंडित जगदीश प्रसाद खंडूरी, पंडित गणेश कोठारी, पंडित हरीश शर्मा, पंडित विष्णु आदि ने भागवत पूजन कर कथा व्यास से आशीर्वाद लिया।