ज्ञान, कर्म एवं भक्ति की त्रिवेणी मानव जीवन की प्रगति के लिए अनिवार्य-प्रो.महावीर अग्रवाल


 हरिद्वार। पतंजलि विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘संज्ञानात्मक कौशल को बढ़ाने हेतु मनो-यौगिक तकनीक’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मनोविज्ञान एवं अध्यात्म विज्ञान के विशेषज्ञों का उद्बोधन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ पतंजलि वि.वि. के प्रति-कुलपति एवं वैदिक विद्वान् प्रो.महावीर अग्रवाल सहित उपस्थित विशेषज्ञों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ। अतिथि विद्वानों के सम्मान में संगीत विभाग द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रो.महावीर अग्रवाल ने पंजीकृत प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि आज का युग ज्ञान-विज्ञान एवं अनुसंधान का है। उन्होंने गीता जयंती की शुभकामना देते हुए ज्ञान, कर्म एवं भक्ति की त्रिवेणी को मानव जीवन की प्रगति के लिए अनिवार्य बताया। आदिगुरू शंकराचार्य के संदेश को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि ‘जिसने मन को जीत लिया, उसने संसार को जीत लिया’। योग मनोविज्ञान के प्रामाणिक विद्वान् एवं पूर्व कुलपति प्रो.गिरीश्वर मिश्रा ने योग को सर्वाधिक लोकप्रिय एवं वैज्ञानिक रूप प्रदान करने के लिए विवि-के कुलाधिपति स्वामी रामदेव एवं कुलपति आचार्य बालकृष्ण के योगदान की सराहना की। पंचक्लेश को मनोरोगों का कारण बताते हुए उन्होंने योग को शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ संज्ञानात्मक कौशल के विकास में भी सहायक बताया। उन्होंने कहा कि योग एक प्रक्रिया भी है और परिणाम भी।इस अवसर पर पूर्वी अफ्रीका के मनोचिकित्सक डॉ. बिरूंगी बिट्राइस का मार्गदर्शन भी प्रतिभागियों को प्राप्त हुआ। उन्होंने नकारात्मक तनाव एवं क्रोध के प्रबंधन में योग-मनोविज्ञान की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। आई.आई.टी. रूड़की के प्रो.मनीष अस्थाना ने संज्ञानात्मक मनोविज्ञान के विविधा पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं को शरीर-क्रियाविज्ञान के संदर्भ में समझाया। देव संस्कृति वि.वि. स्थित वैज्ञानिक अध्यात्मवाद विभाग के संयोजक डॉ. पियूष त्रिवेदी जी ने मानसिक स्वास्थ्य के आठ मॉडल की चर्चा की तथा संज्ञानात्मक क्षमता के अभिवर्धन हेतु सात्विक क्रियाकलापों से जुड़ने की प्रेरणा प्रदान की। कार्यशाला की संयोजिका डॉ. वैशाली गौड़ एवं सह-संयोजक डॉ.अभिषेक भारद्वाज ने वि.वि. के प्रतीक चिह्न द्वारा अतिथियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। मनोविज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा अतिथि विद्वानों एवं प्रतिभागियों हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं जटिल योगाभ्यास की प्रस्तुति दी गयी। योग के छात्र शिवेन्द्र द्वारा बाँसुरी के माध्यम से राग हंसध्वनि को भी प्रस्तुत किया गया। कार्यशाला का सफल संचालन मनोविज्ञान के विद्यार्थी भूपेन्द्र एवं सुश्री प्राची द्वारा किया गया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष (शिक्षण एवं शोध) डॉ.वी.के. कटियार, संकायाध्यक्ष (योग विज्ञान) डॉ.ओ.एन.तिवारी,डॉ.अंजू त्यागी, डॉ.रचना, डॉ.शिल्पा, डॉ.नरेन्द्र सिंह, डॉ. बिपिन दूबे, डॉ. संदीप सिंह, डॉ.भागीरथी,सुश्री मोनिका एवं प्रशांत सहित विभिन्न विभागों के आचार्यगण एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।