त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

 हरिद्वार। श्री पंचायती अखाड़ा निंरजनी के ब्रह्मलीन महंत डोगर गिरी महाराज की दूसरी पुण्य तिथी पर अखाड़े के संतों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। निरंजनी अखाड़े में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत डोगर गिरी महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। संत परंपरांओं का पालन करते हुए सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार और अखाड़े की उन्नति में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत डोगर गिरी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा। उनके विचार और कृतित्व सदैव समाज को प्ररेणा देते रहेंगे। ब्रह्मलीन महंत डोगर गिरी महाराज के शिष्य दिगम्बर उपमहंत गंगा गिरी महाराज ने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरू से प्राप्त शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को पूरा करेंगे। महंत हरगोविंद पुरी, महंत ओंकार गिरी, स्वामी आशुतोष पुरी, महंत रविपुरी, दिगम्बर राजेंद्र गिरी, दिगम्बर राजपुरी, स्वामी रविवन, दिगम्बर महेश गिरी सहित कई संत महंतों ने ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें पुण्य आत्मा बताया।