जनपद न्यायाधीश के अधिकार में कटौती किए जाने के विरोध में पांचवे दिन भी धरना जारी

 हरिद्वार। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय नैनीताल के द्वारा जनपद न्यायाधीश के अधिकार में कटौती किए जाने को लेकर जिला न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं ने पांचवें दिन भी अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा। हालांकि वाद कार्यों का हित सर्वोपरि मानते हुए अधिवक्ताओं ने न्यायालय में उपस्थित होकर न्यायिक कार्य भी किया। शुक्रवार को रोशनाबाद स्थित जिला बार संघ के अधिवक्ताओं ने उच्च न्यायालय नैनीताल के द्वारा जारी आदेश पर जनपद न्यायाधीश के अधिकार कम करने के विरोध में रोष प्रकट करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू किया। बताते चले कि बीते दिनों स्थानीय अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के कार्य व्यवस्था परिवर्तन करने का विरोध करते हुए निचली न्याय व्यवस्था पर निरंतर आगात करने का आरोप लगाया था। शुक्रवार को धरने पर बैठी महिला अधिवक्ताओं ने बताया कि जनपद न्यायाधीश के अधिकार घटाकर तहसील स्तर पर एडीजी को अधिकार प्रदान किया जाना न्याय संगत नहीं है। धरने पर बैठे सभी वकीलों ने नई व्यवस्था को लेकर उच्च न्यायालय में रिट के माध्यम से चुनौती देने पर भी जोड़ दिया। जिला बार संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार ने कहा कि जब तक जनपद न्यायधीश के पूर्ण अधिकार बहाल नहीं किए जाते तब तक जिला बार संघ अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेगी। शुक्रवार को जिला बार संघ के अध्यक्ष सुशील कुमार तथा सचिव नागेंद्र सक्सेना के नेतृत्व में अलका चोपड़ा, जमुना कौशिक, सुमन कौशिक, नीलू शर्मा, संगीता भारद्वाज, भावना कौशिक, रजनी शर्मा, वर्षा गुप्ता, मंजू देवी, मंजू देवी, कल्पना, तोशी चौहान, विजय शर्मा, गुलशन आरा, अलका सिंह, कविता वैभव, अफसाना, पूजा सिंह, सीमा चौहान, दीप्ति शर्मा, अलका मेहता, बबली राठौर, व सुनहरा सहित कई महिला अधिवक्ता शामिल रही।