सर्वप्रथम देवऋषि नारद ने हरिद्वार में किया था श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन


 हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में महामंडलेश्वर स्वामी रुपेन्द्र प्रकाश महाराज के सानिध्य में प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का गौरी गणेश, नवग्रह पूजन, सर्वतोभद्र मंडल एवं भागवत पूजन कर शुभारंभ किया गया। कथा के शुभारंभ से पूर्व श्रद्धालु भक्तों ने सिंहद्वार स्थित मुनीश्वर घाट से कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली। श्रद्धालुओं को प्रथम दिवस की कथा का श्रवण कराते हुए कथाव्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि भक्ति ज्ञान वैराग्य की स्थापना के लिए सबसे पहले देवऋषि नारद ने हरिद्वार के गंगा तट पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया था। कथा के प्रभाव से समस्त भक्तों के हृदय में भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य की स्थापना हुई। इसके बाद से जन-जन में श्रीमद्भागवत कथा का प्रचार प्रसार प्रारंभ हुआ। श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से भक्ति ज्ञान एवं वैराग्य की प्राप्ति होती है एवं जीवन के सभी कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं। मुख्य यजमान विभिन्न बडेरा, पूनम बडेरा, विवेक बडेरा, प्रदीप बडेरा, अन्नू बडेरा, मीनू डल, पुष्पेंद्र डल, ममता पुरी, अजय कुमार शायी, सुमित शायी, गीता शायी, लक्ष्मी शायी, सपना बीज, सतीश कुमार बीज, पंडित जगदीश प्रसाद खंडूरी, पंडित गणेश कोठारी, पंडित हरीश शर्मा, पंडित विष्णु आदि ने भागवत पूजन किया।