संतों की आत्मा परमात्मा के साथ मिलकर भक्तों का कल्याण करती है

 हरिद्वार। श्रीगंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी कमलेशानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा है कि देवोत्थान एकादशी संस्कारित सत्र के शुभारंभ का पर्व है और श्रीहरि के जागरण एवं तुलसी शालिगराम विवाह से सनातन धर्म में विवाह संस्कार का शुभारंभ हो जाता है, वे आज खड़खड़ी स्थित श्रीगंगा भक्ति आश्रम में देवोत्थान एकादशी एवं तुलसी शालिगराम विवाह के अवसर पर आयोजित भजन संध्या में पधारे श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। देवउठनी एकादशी एवं इगास पर्व पर गंगा स्नान करने पहुंचे श्रद्धालुओं द्वारा हर की पौड़ी पर स्नान के साथ ही सुरभि भूटानी परिवार द्वारा विरक्त वैष्णव संत, वैदिक ब्राह्मण एवं संत महात्माओं को सदक्षिणा भोज देकर विश्व कल्याण की कामना की गई और तुलसी तथा शालिग्राम का विधिवत विवाह संपन्न कराने के बाद सायं कालीन गंगा आरती के पश्चात भजन संध्या का आयोजन किया गया। दिल्ली से पधारे भजन गायकों के साथ महिला संगीत ने जमकर समा बांधा । गंगाभक्ति आश्रम एवं यमुना बिहारी आश्रम के संस्थापक गोलोकवासी स्वामी राघवानंद सरस्वती का भावपूर्ण स्मरण करते हुए स्वामी कमलेशानंद सरस्वती ने कहा कि संतों की आत्मा परमात्मा के साथ मिलकर भक्तों का कल्याण करती है। इस अवसर पर दिल्ली के प्रीत विहार से पधारे भूटानी परिवार के साथ यूपी, दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा के भक्तों ने भजन संध्या के माध्यम से धर्म जागरण का संकल्प लिया।