कलयुग में मोक्ष प्राप्ति का उत्तम साधन है भागवत कथा-आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास
हरिद्वार। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। जिससे वह सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहकर अपने मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। उक्त उद्गार भूपतवाला स्थित साधु बेला आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन श्री बनखंडी साधु बेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने श्रद्धालुओं भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कथा का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है। इसलिए सभी को कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। कथा व्यास महंत बलराम मुनि महाराज ने कहा कि मानव जीवन की प्राप्ति के लिए देवता भी तरसते हैं। ताकि वह कर्मों के अनुसार अपने जीवन को सफल बनाते हुए मोक्ष की प्राप्ति कर सकें। हमें इस जीवन को सार्थक बनाते हुए गरीब असहाय लोगों की अपने सामर्थ्य अनुसार सहायता करनी चाहिए। यही श्रीमद्भागवत कथा का सार है। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से मन के साथ-साथ व्यक्ति के अंतःकरण की शुद्धि भी होती है और उसकी आत्मा का सीधा परमात्मा के साथ साक्षात्कार होता है। इसीलिए श्रीमद् भागवत कथा सभी के लिए सर्वदा हितकारी है। इस अवसर पर गोपाल दत्त पुनेठा,विष्णु दत्त पुनेठा,सुनील कुमार,जीतू भाई,जगदीश भटीजा,विनोद छाबड़ा,मोहन छाबड़ा,गिरधर छाबड़ा,सुनील छाबड़ा,नरेश भाई, प्रमोद गुप्ता, राकेश गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष एवं श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।