दुष्कर्म मामले की विवेचना में लापरवाही बरतने पर महिला दारोगा निलंबित,प्रभारी के खिलाफ जांच

 हरिद्वार। थाना सिडकुल पुलिस में तैनात महिला दरोगा द्वारा दुष्कर्म के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के बजाय अज्ञात के खिलाफ चार्जशीट लगाने के मामले में एसएसपी ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए तत्काल महिला दरोगा को निलंबित कर दिया है। साथ ही सीट सिडकुल थाना प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ जांच बैठा दी है। पुलिस के अनुसार कुछ दिन पूर्व मूल रूप से सहारनपुर की रहने वाली है बीजेपी ने कोर्ट के आदेश पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोप में एक युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था पीड़िता ने आरोपी का नाम एवं स्थानीय पत्रकार में दर्ज कराया था लेकिन उसका मूल पता उसे मालूम भी नहीं था मामले की जांच महिला दरोगा को सौंपी गई थी महिला दरोगा ने पीड़िता को बुलाकर उसके बयान भी दर्ज किए थे लेकिन महिला दरोगा आरोपी को तलाश थी कि 2 माह के अंदर दुष्कर्म से जुड़े मामले में पुलिस को चार्जशीट लगानी होती है। महिला दरोगा ने आरोपी का बयान दर्ज करने के बजाए अज्ञात आरोपी के खिलाफ चार्जशीट बनाकर भेज दी। चार्जशीट जब सीओ सदर बहादुर सिंह चौहान के सामने पहुंची तब उन्होंने पूरे मामले से एसएसपी को अवगत कराने के साथ ही सिडकुल पुलिस को फटकार लगाई। महिला से दुष्कर्म सम्बन्धी मुकदमें में की गई जांच में विवेचक द्वारा लापरवाही बरतते हुए ठोस साक्ष्य संकलित किए बिना चार्जशीट लगाने की पुष्टि होने पर एसएसपी अजय सिंह ने सख्त रुख अपनाते विवेचक महिला दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए प्रकरण के पर्यवेक्षण में बरती गई लापरवाही पर एसएचओ सिडकुल की प्रारंभिक जांच का आदेश जारी किया है। वही दूसरी ओर एसएसपी ने सभी विवेचकों को सावधानी बरतने के स्पष्ट निर्देश दिए है कि विवेचना में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसएसपी ने कहा है कि विवेचना पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। विवेचना के आधार पर ही पीड़ित को न्यायालय से न्याय मिलता है। इसलिए विवेचना में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही की जाएगी।