हरिद्वार। वाहनों की फिटनेस अनिवार्य करने और दस साल पुराने डीजल चलित ऑटो-विक्रम को बाहर करने के विरोध में मंगलवार को तीर्थनगरी हरिद्वार में विक्रम, ऑटो ने चक्का जाम रहा। चक्का जाम रखने का ऐलान विभिन्न ट्रांस र्पोट यूनियनों ने किया था। मंगलवार को मांगो को लेकर बड़ी तादाद में वाहन स्वामी विधानसभा घेराव करने के लिए देहरादून कूच कर गए हैं। सड़क पर इक्का दुक्का वाहन ही चलाने से यात्रियो को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बसों और ट्रेन से आने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए ऑटो रिक्शा या अन्य वाहन नहीं मिलेगी मजबूरन पैदल ही चलकर जाना पड़ा इसके लिए उन्हें कई कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा है और भारी परेशानी का सामना करना पड़ा ,जबकि ऑटो आदि अपने वाहनों पर चक्का जाम हड़ताल का पोस्टर लगाकर स्टैंड पर खड़े हुए हैं वही जो ऑटो रिक्शा वाले इस हड़ताल को मानने रहे और यात्री धोने का प्रयास कर रहे थे,उनको पकड़ने के लिए एसोसिएशन के सदस्य सड़कों पर घूम रहे थे,ताकि हड़ताल को विधानसभा घेराव को चक्का जाम को सफल बनाया जा सके। दरअसल परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर शुरू कर दिये हैं और वाहनों की फिटनेस अनिवार्य कर दी है। जिसका ऑटो और विक्रम संचालक विरोध कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि हाल ही में आरटीए की बैठक हुई थी जिसमें 2023 तक 10 साल पुराने डीजल से चलने वाले ऑटो और विक्रम को बाहर करने का निर्णय लिया गया है, जिसका भी भारी विरोध देखा जा रहा है। वाहन स्वामियों का कहना है कि अगर हमारी गाड़ी बाहर की जाती है तो उनके सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।
फिटनेंस सेंटर एवं डीजल चालित वाहनों को बदलने संबंधी आदेश के खिलाफ ऑटों का चक्का जाम