मदरसों को कमजोर करने की नीयत से अनर्गल बयानबाजी करने पर आमादा-मौलाना आरिफ

 


हरिद्वार। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के तहत आने वाले मदरसों में अत्याधुनिक शिक्षा का समावेश करते हुए मदरसों के छात्र छात्राओं के लिए ड्रेस कोड एवं एनसीईआरटी की किताबें लागू कराने के आदेशों का पालन कराने के लिए मदरसा प्रबंधक जुट गए हैं। मदरसा दारुल उलूम रशीदिया ईदगाह के प्रबंधक मौलाना आरिफ ने कहा कि सियासत करने वाले काम कम करते हैं। बयानबाजी अधिक करते हैं। मदरसों को कमजोर करने की नीयत से कुछ लोग अनर्गल बयानबाजी करने पर आमादा हैं। मदरसे में अच्छी तालीम छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराई जा रही है। अंग्रेजी, गणित, हिंदी, संस्कृत आदि विषयों पर आधारित शिक्षा को मदरसे के बच्चे हासिल कर रहे हैं। अच्छी शिक्षा छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य का निर्माण करती है। मदरसे में पूर्व से ही ड्रेस कोड लागू है। बालक सफेद कुर्ता पाजामा एवं बालिकाएं सलवार कमीज पहनकर मदरसे में पढ़ते हैं। ड्रेस कोड लागू करना ठीक है। छात्र-छात्राओं में अनुशासन यूनिफॉर्म से ही दिखाई देता है। एक हजार से अधिक बच्चे अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, संस्कृत एवं अन्य अत्याधुनिक विषयों की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। ड्रेस कोड से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सियासत करने वाले मदरसों की पोजीशन खराब करने के उद्देश्य से अनर्गल बयानबाजी से बाज नहीं आते हैं। अच्छी शिक्षा प्राप्त कर मदरसे के बच्चे राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएंगे। पुराने समय से ही मदरसों में शिक्षा दी जा रही है। देश सेवा, देश भक्ति, अपने मुल्क से मोहब्बत करने की शिक्षा छात्र छात्राओं को दी जाती है। अध्यापक साजिद हसन ने कहा कि एनसीईआरटी की किताबों को मदरसे में लागू कराया गया है। एनसीईआरटी के अनुसार सभी विषय शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाते हैं। शिक्षा छात्र छात्राओं के जीवन को तरक्की की ओर ले जाती है। समान रूप से शिक्षा के अवसर सभी को प्राप्त होने चाहिए। अत्याधुनिक शिक्षा का समावेश मदरसों में किया जा रहा है। शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी मदरसे में आयोजित किए जाते हैं। पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्र छात्राओं को जागरूक किया जाता है। बालक बालिकाएं मदरसे में बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वक्फ बोर्ड के निर्देशों का पालन भी किया जा रहा है।