हरिद्वार समाजवादी नेता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निकट रहे समाजवादी नेता अनिल जेटली का मंगलवार सायंकाल कनखल स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया, उनके बेटे अमित जेटली ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। गमगीन माहौल में उपस्थित लोगों ने जेटली को अंतिम विदाई दी। 72 साल के अनिल जेटली का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में सोमवार की देर रात इलाज के दौरान निधन हो गया था। आज तड़के उनकी पार्थिव देह दिल्ली से हरिद्वार पहुंची और कनखल के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से हरिद्वार के राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। अत्यंत मधुर भाषी और मिलनसार जेटली ने हरिद्वार की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। जेटली को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय पालीवाल, मुरली मनोहर,पुरुषोत्तम शर्मा,नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सत्यपाल ब्रह्मचारी,प्रदीप चौधरी ,समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाराशर,धर्मपाल ठेकेदार,ललित नाथ,सुनील दत्त पांडेय,चंद्रशेखर यादव,सुभाष सैनी ,टीटू जायसवाल, पूर्व मेयर मनोज गर्ग,नगरपालिका कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष मुकुल जोशी आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की व्यवसाई अनिल जेटली शुरू से ही समाजवादी आंदोलन से जुड़े रहे। उनके पिता जवाहरलाल जेटली समाजवादी चिंतक विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, जयप्रकाश नारायण के आंदोलनों से जुड़े रहे अनिल जेटली को बचपन से ही घर पर समाजवादी संस्कार मिले। जेटली आपातकाल के खिलाफ 1975 से 1977 तक में सक्रिय रहे। वे विश्वनाथ प्रताप सिंह के आंदोलन में भी वे जुड़े रहे। वे जनता पार्टी,जनता दल,समाजवादी जनता पार्टी और मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी में सक्रिय रुप से भागीदार रहे। 1983 में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चंद्रशेखर की कन्याकुमारी से दिल्ली राजघाट तक की पदयात्रा में आंशिक रूप से भाग लिया। वे समाजवादी नेता रहे राम शरण दास के खास विश्वस्त थे, अनिल जेटली युवा जनता के उत्तर प्रदेश के महामंत्री रहे। इसके अलावा वे जनता पार्टी,जनता दल,समाजवादी जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के प्रांतीय और राष्ट्रीय पदाधिकारी भी रहे। उनके निधन से समाजवादी जगत का एक युग समाप्त हो गया है। कई वर्षों तक हरिद्वार की राजनीति अनिल जेटली के इर्द-गिर्द घूमती रही,वह कुछ समय तक कांग्रेस में भी रहे। परंतु बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए
समाजवादी नेता अनिल जेटली पंचतत्व में विलीन,तीर्थनगरी में समाजवादी युग का अंत
हरिद्वार समाजवादी नेता पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निकट रहे समाजवादी नेता अनिल जेटली का मंगलवार सायंकाल कनखल स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया, उनके बेटे अमित जेटली ने अपने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। गमगीन माहौल में उपस्थित लोगों ने जेटली को अंतिम विदाई दी। 72 साल के अनिल जेटली का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में सोमवार की देर रात इलाज के दौरान निधन हो गया था। आज तड़के उनकी पार्थिव देह दिल्ली से हरिद्वार पहुंची और कनखल के श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से हरिद्वार के राजनीति जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। अत्यंत मधुर भाषी और मिलनसार जेटली ने हरिद्वार की राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। जेटली को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र चौधरी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय पालीवाल, मुरली मनोहर,पुरुषोत्तम शर्मा,नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सत्यपाल ब्रह्मचारी,प्रदीप चौधरी ,समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाराशर,धर्मपाल ठेकेदार,ललित नाथ,सुनील दत्त पांडेय,चंद्रशेखर यादव,सुभाष सैनी ,टीटू जायसवाल, पूर्व मेयर मनोज गर्ग,नगरपालिका कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष मुकुल जोशी आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की व्यवसाई अनिल जेटली शुरू से ही समाजवादी आंदोलन से जुड़े रहे। उनके पिता जवाहरलाल जेटली समाजवादी चिंतक विचारक डॉ राम मनोहर लोहिया, आचार्य नरेंद्र देव, जयप्रकाश नारायण के आंदोलनों से जुड़े रहे अनिल जेटली को बचपन से ही घर पर समाजवादी संस्कार मिले। जेटली आपातकाल के खिलाफ 1975 से 1977 तक में सक्रिय रहे। वे विश्वनाथ प्रताप सिंह के आंदोलन में भी वे जुड़े रहे। वे जनता पार्टी,जनता दल,समाजवादी जनता पार्टी और मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी में सक्रिय रुप से भागीदार रहे। 1983 में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चंद्रशेखर की कन्याकुमारी से दिल्ली राजघाट तक की पदयात्रा में आंशिक रूप से भाग लिया। वे समाजवादी नेता रहे राम शरण दास के खास विश्वस्त थे, अनिल जेटली युवा जनता के उत्तर प्रदेश के महामंत्री रहे। इसके अलावा वे जनता पार्टी,जनता दल,समाजवादी जनता पार्टी तथा समाजवादी पार्टी के प्रांतीय और राष्ट्रीय पदाधिकारी भी रहे। उनके निधन से समाजवादी जगत का एक युग समाप्त हो गया है। कई वर्षों तक हरिद्वार की राजनीति अनिल जेटली के इर्द-गिर्द घूमती रही,वह कुछ समय तक कांग्रेस में भी रहे। परंतु बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए