कोई नहीं उठा पाया अंगद का पांव,राम की शरण में पहुंचे विभीषण


 हरिद्वार। भीमगोड़ा में श्रीराम नाट्य संस्थान की ओर से रामलीला ग्राउंड में आयोजित रामलीला विभीषण शरणागति, रामेश्वर पूजा और रावण अंगद संवाद के दृश्यों का मंचन किया गया। लीला का शुभारंभ पूर्व पार्षद अमन गर्ग और अन्य अतिथीयों ने दीप प्रज्वलित कर किया। रामलीला मंचन में पहला दृश्य विभीषण शरणागति का दिखाया गया। जब विभीषण अपने भाई रावण के अत्याचारों को देखते हुए भगवान श्रीराम की शरण में जा पहुंचा। जहां भगवान राम ने विभीषण को वचन दिया कि रावण के बाद लंका का महाराज उन्हें बनाया जाएगा। विभीषण का राज्याभिषेक भी किया गया। लंका तक जाने के लिए रामदल ने नल नील की मदद से समुद्र पर पुल बनाया। इसके लिए रावण को ही रामेश्वर पूजा के लिए बुलाया गया। रावण ने रामदल की पूजा अर्चना कराई। भगवान राम ने किष्किंधा युवराज अंगद को दूत बनाकर लंका भेजा। जहां अंगद ने राम भक्ति का परिचय देते हुए रावण दरबार में अपना पांव जमाकर उठाने की चुनौती दी। लेकिन रावण का कोई भी योद्धा अंगद का पांव न हिला सका। आदित्य चौहान ने राम, शुभम नौटियाल ने हनुमान, यागिक वर्मा ने अंगद, सुमित मोहन काकू ने रावण का अभिनय किया। डायरेक्टर लखन लाल चौहान ने बताया कि बताया कि मंगलवार को मेघनाथ वध और सलोचना सती का दृश्य मंचित किया जाएगा। इस मौके पर अध्यक्ष रमेश गुप्ता, महामंत्री अशोक चौहान, पवन कुमार, उमाकांत ध्यानी, विनोद घिल्डियाल, प्रशांत शर्मा, नवीन कुमार, दिग्विजय चौहान आदि उपस्थित रहे।