हरिद्वार। विद्या विहार कालोनी कनखल, हरिद्वार में पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ पर महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखा। इसे लेकर महिला में भारी उत्साह नजर आया। शाम को सोलह श्रृंगार कर विशेष पूजा के साथ कथा सुनी। कई परिवारों की एक साथ तीन पीढ़ियों ने करवा चौथ का पर्व मनाया।करवा चौथ को लेकर महिलाओं में सुबह से ही खासा उत्साह नजर आया। शादियों की सीजन की तरह शहर के ब्यूटी पार्लरों में फेशियल करने के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही।मान्यता है कि महाभारत काल में भीषण युद्ध में सफलता के लिए दिव्य अस्त्र-शस्त्र इकट्ठा करने अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर गये। काफी समय तक जब अर्जुन नहीं लौटे तो द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण को याद किया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने करवाचौथ का व्रत रखा था। व्रत के बाद अर्जुन सकुशल तपस्या करके लौट आये। व्रत से माना जाता है कि दांपत्य जीवन में वियोग का कष्ट नहीं भोगना पड़ता। पति की उम्र लंबी होती है। इसलिए सुहागन महिलाएं श्रद्धा और विश्वास के साथ यह व्रत रखती हैं।
महिलाओं ने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखकर की पूजा अर्चना
हरिद्वार। विद्या विहार कालोनी कनखल, हरिद्वार में पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ पर महिलाओं ने रखा निर्जला व्रत पति की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने करवा चौथ पर निर्जला व्रत रखा। इसे लेकर महिला में भारी उत्साह नजर आया। शाम को सोलह श्रृंगार कर विशेष पूजा के साथ कथा सुनी। कई परिवारों की एक साथ तीन पीढ़ियों ने करवा चौथ का पर्व मनाया।करवा चौथ को लेकर महिलाओं में सुबह से ही खासा उत्साह नजर आया। शादियों की सीजन की तरह शहर के ब्यूटी पार्लरों में फेशियल करने के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही।मान्यता है कि महाभारत काल में भीषण युद्ध में सफलता के लिए दिव्य अस्त्र-शस्त्र इकट्ठा करने अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी पर्वत पर गये। काफी समय तक जब अर्जुन नहीं लौटे तो द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण को याद किया। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने करवाचौथ का व्रत रखा था। व्रत के बाद अर्जुन सकुशल तपस्या करके लौट आये। व्रत से माना जाता है कि दांपत्य जीवन में वियोग का कष्ट नहीं भोगना पड़ता। पति की उम्र लंबी होती है। इसलिए सुहागन महिलाएं श्रद्धा और विश्वास के साथ यह व्रत रखती हैं।