भारत में प्राचीन काल से ही गुरू का विशेष महत्व-स्वामी बालकानंद गिरी


 हरिद्वार। आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि हमें जीवन में हर प्रकार की कलाओं को संपूर्ण रुप से सीखना है तो गुरु की शरण में जाना होगा। गुरु की असीमित शिक्षा और आशीर्वाद से शिष्य जिंदगी की विषम परिस्थितियों को भी पार कर लेते हैं। भूपतवाला स्थित हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट में गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्रद्धालु भक्तों को गुरु की महिमा का गुणगान करते हुए आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही गुरु का विशेष महत्व है। मनुष्य के लिए गुरु का स्थान सर्वोपरि है। प्रत्येक व्यक्ति को गुरु का महत्व समझना चाहिए और जीवन पर्यंत उनका सम्मान करना चाहिए। गुरु के द्वारा प्रदान की गई शिक्षा व्यक्ति के जीवन पर्यंत काम आती है। उनके आशीर्वाद से कीमती चीज शिष्य के लिए और कुछ नहीं हो सकती। गुरु के प्रति हमेशा शिष्य के मन में श्रद्धा होनी चाहिए। सभी शिष्य अपने कार्य के बारीकियों को भी भली-भांति सीख सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की सफलता के पीछे गुरु का हाथ होता है। इसलिए गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना गया है। गुरु को उजाले का दीप माना जाता है। गुरु के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है और गुरु के सहयोग से ही व्यक्ति सफल बनता है। इस दौरान आचार्य मनीष जोशी स्वामी सुरेश पुरी स्वामी नत्थीनंद गिरी उपस्थित रहे।