योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है -स्वामी रामदेव
हरिद्वार। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है। योग अनुशासित और रोगमुक्त जीवन जीने की कला तथा मानसिक व शारीरिक विकारों का शमन कर मनुष्य व प्रकृति के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का सशक्त माध्यम है। हम पतंजलि वैलनेस में योग व प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से रोगियों के जीवन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार कर रहे हैं। मंगलवार को देहरादून, कोटद्वार,रुड़की,लक्सर और हरिद्वार से पतंजलि योग समिति के हजारों कार्यकर्ताओं ने योग किया। ये बातें उन्होंने योग दिवस के मौके पर कहीं। योगगुरु रामदेव के नेतृत्व में पतंजलि वैलनेस केंद्र पतंजलि योगपीठ दो में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उधर, लाल किले पर आयुष मंत्रलय की ओर से संचालित कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के साथ योग-सत्र में भाग लिया। हरिद्वार में बाबा रामदेव ने कहा कि योग को प्रचारित-प्रसारित करने में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बड़ा योगदान है। ऐसा प्रतीत होता है मानो भारत के साथ पूरा विश्व एकात्मता के सूत्र में, योगसूत्र में बंध गया हो। निर्धारित समय पर कॉमन योग प्रोटोकॉल के अनुसार योग सत्र प्रार्थना के साथ प्रारंभ हुआ। शांतिपाठ के साथ योग-सत्र का समापन हुआ। पूरे कार्यक्रम के दौरान पतंजलि गुरुकुलम के विद्यार्थियों ने निरंतर मलखम्ब,कुश्ती,बाक्सिंग,ताइक्वांडो, सूर्य नमस्कार, दण्ड-बैठक तथा योगासनों का प्रदर्शन किया। वैलनेस की इंटिग्रेटेड थैरेपी का भी लाइव प्रसारण किया गया। वैलनेस में स्वास्थ्य लाभ ले रहे रोगियों, पतंजलि विवि के छात्र-छात्राओं, पतंजलि गुरुकुलम् के विद्यार्थियों और कर्मयोगियों ने योग दिवस में शिरकत की। कार्यक्रम में भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन एनपी सिंह, पतंजलि योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया,भारत स्वाभिमान के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश, पतंजलि वैलनेस के निदेशक स्वामी विदेह देव,पतंजलि योग समिति देहरादून की अध्यक्षा सीमा जौहर,ऋषिकेश अध्यक्षा सुनीता,रुड़की अध्यक्ष सुरेश त्यागी समेत हजारों कार्यकर्ता योग-सत्र में भाग लेने के लिए पतंजलि पहुंचे।