बीमा कम्पनी को उपभोक्ता आयोग ने दिए क्षतिपूर्ति के साथ प्रीमियम राशि देने के आदेश

 हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी करने का दोषी पाया है। आयोग ने प्रश्नगत बीमा पॉलिसी की प्रीमियम राशि करीब साढ़े 11 हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से और आठ प्रतिशत वार्षिक लाभ के साथ, क्षतिपूर्ति व शिकायत खर्च के रूप में चार हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता सरफराज पुत्र यूनुस निवासी ग्राम धनपुरा पथरी ने मैनेजर, बजाज एलाइंस लाइफ इश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड रानीपुर मोड़ व मैनेजर, बजाज एलाइंस लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड तमिलनाडु के खिलाफ एक शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अगस्त 2012 में स्थानीय मैनेजर,बीमा कंपनी से सुपर कैश गए स्कीम के तहत एक बीमा पॉलिसी कराई थी। बीमा कंपनी ने उसे किश्तें जमा नहीं होने पर पांच साल के बाद जमा प्रीमियम राशि आठ प्रतिशत लाभ के साथ वापस करने का आश्वासन दिया था। जिस पर शिकायतकर्ता ने अगस्त 2012 में 5840 रुपये व फरवरी 2013 में 5750 रुपये जमा किए थे। लेकिन अचानक तबीयत खराब होने पर वह आगे की किश्तें जमा नहीं कर पाया। जिस पर बीमा कंपनी ने उसे पांच साल की अवधि के बाद प्रीमियम जमा राशि और आठ प्रतिशत लाभ के साथ देने का आश्वासन दिया था। शिकायतकर्ता ने स्थानीय मैनेजर बीमा कंपनी से जमा प्रीमियम राशि की मांग की। लगातार आश्वासन देने के बाद भी उसे राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी के मैनेजरों के खिलाफ आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन व सदस्य अंजना चड्डा व विपिन ने बीमा कंपनी के मैनेजरों को उपभोक्ता सेवा में दोषी ठहराया है।