शास्त्रार्थ तो भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर-श्रीमहंत स्वामी नारायण गिरी


 हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता व श्रीदुधेश्वरनाथ मठ गाजियाबाद के पीठाधीश्वर श्रीमहन्त स्वामी नारायण गिरी जी से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने भेंट कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की। उन्होंने शिवशक्ति धाम डासना आकर कहा कि अगर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज इस्लाम की किताबो के आधार पर कोई शास्त्रार्थ करना चाहते हैं तो इसमें किसी को क्या दिक्कत हो सकती। शास्त्रार्थ तो भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है जिससे सत्य और असत्य का निर्धारण होता है। अगर कोई अपने धर्म की किताबो में लिखे हुए सत्य को बोलेने के लिये किसी महिला को हत्या और बलात्कार की धमकी देता है तो हम हर सम्भव तरीके से इसका विरोध करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज धर्म की लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें सम्पूर्ण संत समाज और जूना अखाड़ा उनके साथ है। हमने उन्हें महामंडलेश्वर इसलिए बनाया है ताकि वो धर्म की लड़ाई अच्छी तरह से लड़ सकें। स्वामी नारायण गिरी जी के समर्थन और आशीर्वाद के लिये महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने उनका धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्हें आश्वासन दिया कि अगर अपने धर्म की रक्षा और सम्मान के लिये प्राण देने पड़े तो वो इसे अपना सौभाग्य मानेंगे। वैसे विश्व का अटल सत्य है कि मेरी मौत का दिन मेरी माँ और महादेव तय करेंगे,ना कि ये सम्पूर्ण मानवता के शत्रु भेड़िये।जब तक एक भी सांस बाकी है,इस्लाम के जिहाद से मानवता को बचाने का संघर्ष जारी रहेगा।