अंतिम चरण की और जा रहा है कलयुग-स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती


 हरिद्वार। श्रीगीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि भारत विश्व शक्ति बनकर उभर रहा है। जबकि अन्य देश आपस में लड़कर बर्बाद हो रहे है। कलयुग अपने अंतिम चरण की ओर जा रहा है और कुछ देश विध्वंसक अस्त्र-शस्त्रों का प्रयोग करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन भारत अपने धर्म शास्त्रों के अनुरूप सत्ता का संचालन कर रहा है। वे आज दक्ष नगरी के विष्णु गार्डन स्थित आश्रम में चार धाम यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं को भारत की ऋषि परंपरा की जानकारी दे रहे थे। भारत को ऋषि और कृषि प्रधान देश बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने जिन शोध एवं सिद्धांतों का संचालन किया था। विज्ञान को अभी वहां तक पहुंचने में काफी समय लगेगा। हरि व्यापक सर्वत्र समाना का भावार्थ समझाते हुए उन्होंने कहा कि प्रकृति का परमतत्व सर्वत्र समान रूप से विद्यमान है। लेकिन कुछ स्थान विशेष होते हैं। जिनका दर्शन करने मात्र से व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। धर्म एवं तीर्थ स्थलों की मर्यादा को महान बताते हुए उन्होंने कहा कि भक्तों की श्रद्धा में इतनी शक्ति होती है कि वह भगवान को जहां और जिस रूप में याद करता है। भगवान स्वयं जाकर अपने भक्तों की सहायता करते हैं। गुरु को गोविंद प्राप्ति का सोपान बताते हुए उन्होंने कहा कि श्रीहरि के त्रेता एवं द्वापर अवतारियों ने भी गुरु कृपा से ही महानता प्राप्त की और भक्त भी वही श्रद्धावान बनकर उन्नति और सुख शांति की अनुभूति करता है। जिस पर गुरु की कृपा होती है। संतो को भगवान का स्वरूप बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्ग के देवता भी संतो को नमन कर भगवत प्राप्ति की आकांक्षा रखते हैं और भगवान की भाति ही देवता भी संतो के दर्शन को लालायित रहते हैं।