हरिद्वार। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अग्निपथ योजना से देश युवा और किसान के भविष्य से खिलवाड़ हो जाएगा। सरकार ने घोषणा करने से पहले ने तो पायलट प्रयोग किया और न ही संसद के दोनों सदनों या संसद की रक्षा मामले की स्थाई समिति के सामने इस प्रस्ताव पर चर्चा की। इस योजना से सेना में जवानों की पक्की नौकरी में सीधी भर्ती बंद हो गई। शुक्रवार को हरिद्वार के सैकड़ों संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन के दौरान यह बात कही है। संयुक्त मोर्चा ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर योजना को रद करने की मांग की है। किसानों ने कहा कि राष्ट्रव्यापी चर्चा से यह स्पष्ट हो गया है कि यह योजना राष्ट्रीय सुरक्षा वह बहुत बड़ा धक्का है। संयुक्त किसान मोर्चा के गढ़वाल मंडल अध्यक्ष संजय चैधरी ने कहा कि सेना में भर्ती आकांक्षी युवाओं और देश के किसान परिवारों के लिए यह बहुत बड़ा धोखा है। किसान परिवारों के लिए फौज की नौकरी मान सम्मान के साथ आर्थिक खुशहाली से भी जुड़ी रही है। जिन युवाओं ने भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2020-21 में शुरू की थी। उसको बीच में रोकना उनके सपनों के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि थल सेना और वायु सेना में की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। जिसमें फाइनल टेस्ट या नियुक्ति पत्र जारी करना ही रह गया था, लेकिन सरकार ने ऐन मौके पर अग्निपथ योजना की घोषणा कर दी। इससे अब सेना में भर्ती सिर्फ चार साल के कॉन्ट्रेक्ट की नौकरी के जरिए होगी। अग्निपथ योजना से इन अस्थाई कर्मचारियों को न तो कोई रैंक दी जाएगी और नहीं चार साल बाद कोई ग्रेजुएट या पेंशन ही। चार वर्ष सेवा समाप्त होने के बाद एक चैथाई या उससे भी कम सेना में पक्की नौकरी ही दी जाएगी। कहा कि अब तक चल रहे रेजीमेंट आधारित क्षेत्र समुदाय कोटे की जगह सभी भर्तियां ऑल इंडिया ऑल क्लास के आधार पर होगी। जिलाध्यक्ष विजय कुमार शास्त्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने वर्तमान रेजीमेंट भर्ती व्यवस्था को बनाए रखने और रिटायरमेंट की आयु को बढ़ाने जैसे फैसले दिए हैं। अगर यह योजना वर्तमान स्वरूप में लागू होती है तो आने वाले 15 वर्षों में सैन्य बलों की संख्या आधे से भी कम रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इस चार साल की अग्निपथ योजना में अग्निवीर तकनीकी दक्षता और संस्कार हासिल कर पाएंगे। जिसके आधार पर वह देश की रक्षा के लिए प्राणों की बाजी लगा सकेंगे। कहा कि रेजीमेंट की सामाजिक बनावट को रातों-रात बदलने से सेना के मनोबल पर बुरा असर पड़ेगा। कहा कि सरकार ऐसे बदलाव उस समय ला रही है। जबकि पिछले कुछ वर्षों में पड़ोसी देशों की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा गहरा हुआ है।इस दौरान गुलशन रोड, रामपाल सिंह,सजीव चैयरमैन,शुब्बा सिंह ढिल्लों, दुष्यन्त सिंह,बचन सिंह,विनोद,नरेंद्र कुमार,सतवीर,सतीश,जोगिन्दर,जोनी कुमार सैनी,राव महताब शोएब,वेदपाल,कुलदीप कुमार,अनिल कुमार,बलविन्दर, सरदार जसकरण,सोमबीर सिंह, गोल्डी गुर्जर,सुकरमपाल सिंह,नसीम,किरण पाल, विनोद राठी, आदि सैकड़ों किसान मौजूद थे।
संयुक्त मोर्चा ने राष्ट्रपति को सात सूत्रीय ज्ञापन भेजकर की अग्निपथ योजना को वापसी लेने की मांग