तिब्बतियों को दोहरी नागरिकता व दलाई लामा को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पारित


 हरिद्वार। भारत तिब्बत समन्वय संघ की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक वृंदावन में सम्पन्न हुई। उत्तराखंड प्रान्त से 10 से अधिक पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए। बैठक से लौटे बीटीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर प्रयाग दत्त जुयाल ने बताया कि उत्तराखंड राज्य की सीमा तिब्बत से लगने के कारण बैठक में इस पर गंभीर विमर्श हुआ। तिब्बत की आजादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति के प्रयासों पर चिंतन बैठक में अनेक प्रस्ताव भी पारित हुए। उन्होंने बताया कि तिब्बत के अधिकारों की लड़ाई लड़ने के लिए तिब्बती भाई बहिनों को आगे आकर पोस्टर बॉय बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा  तिब्बत की आजादी की मशाल  जरूर बीटीएसएस जला रहा है। लेकिन यह सब तिब्बतियों के सहयोग से ही सम्भव होगा। चीन द्वारा लगातार तिब्बत के लोगों पर अत्याचार किये जा रहे हैं। तिब्बत की आजादी की मुहिम में लगे लोगों को चीन गायब कर रहा है। वहां की सभ्यता संस्कृति को मिटाने का काम भी चीन लगातार कर रहा है। जिसका संज्ञान विश्व मानवाधिकार संगठन को शीघ्र लेना चाहिए। दो दिवसीय बैठक में तिब्बती नागरिकों को दोहरी नागरिकता दिए जाने, दलाई लामा को भारत रत्न देने पर भी प्रस्ताव पारित हुआ। बैठक में प्रदेश संयोजक दीपक मिश्रा,प्रदेश महामंत्री मनोज गहतोड़ी,प्रान्त अध्यक्ष महिला विभाग डा.वंदना स्वामी,महामंत्री अंजली माहेश्वरी,युवा विभाग उपाध्यक्ष सार्थक भट्ट,प्रान्त महामंत्री युवा आशीष सेमवाल,प्रान्त मंत्री मदन टम्टा,राष्ट्रीय नियुक्ति एवं संवाद प्रभारी आनन्द बोहरा ने प्रतिभाग किया।