सनातन संस्कृति में वस्त्र दान का विशेष महत्व-पूजा माई


 हरिद्वार। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पूजा माई ने कहा कि निर्धन के संग भगवान बसते हैं। इसलिए सदैव निर्धन को सम्मान की दृष्टि से देखा जाना चाहिए एवं अपनी सामथर््य के अनुसार उन्हें अन्न और वस्त्र दान कर सम्मानित करना चाहिए। ऐसा करने वाले पर सदैव भगवान की कृपा दृष्टि बनी रहती है और दानी की समस्त मनोकामना को ईश्वर पूरा करते हैं। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पूजा माई ने शनिवार को हरकी पौड़ी क्षेत्र स्थित सुभाष घाट पर मां गंगा की पूजा अर्चना करने के उपरांत गरीब और निराश्रित महिलाओं को वस्त्र दान किए। इस मौके पर पूजा माई ने कहा कि सनातन संस्कृति में भोजन के बाद वस्त्र दान का ही सर्वाधिक का महत्व बताया गया है। आम आदमी की मूलभूत आवश्यकताएं रोटी,  कपड़ा और मकान से ही जुड़ी हैं। रोटी कपड़ा और मकान को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति जीवन भर संघर्ष करता है। लेकिन कई लोगों को यह नसीब नहीं होता है। पूजा माई ने कहा कि यह देश सभी लोगों का है इसलिए सभी लोगों को आपस में मिलजुल कर देश की उन्नति के लिए कार्य करना चाहिए। भारत अमन और शांति का देश है। इसलिए सभी लोगों को अमन चैन के साथ रहना चाहिए। पूजा माई ने मां गंगा और बाबा महाकाल की कृपा से उन्होंने तीर्थ क्षेत्र में रहने वाले गरीब व असहाय लोगों को वस्त्र दान कर मां गंगा से उनकी खुशहाली की कामना की।