जिला उपभोक्ता आयोग ने मोबाइल कम्पनी को दिए पांच लाख क्षतिपूर्ति के तौर पर देने के आदेश

 हरिद्वार। मोबाइल में तकनीकी कमी के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने मोबाइल विक्रेता, निर्माता कंपनी और सर्विस सेंटर को सेवा में कमी का दोषी पाया है। आयोग ने खराब मोबाइल की कीमत 12 हजार रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति के रूप में 25 हजार,अधिवक्ता फीस 25 हजार और विशेष क्षतिपूर्ति में पांच लाख रुपये की शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता सीबी पुरी निवासी चाव मंडी रुड़की ने आयोग में स्थानीय विक्रेता खालसा टेलीकॉम रेलवे रोड बीएसएम कॉलेज रुड़की, नोकिया ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर प्रोपराइटर कपिल एंटरप्राइजेज रुड़की, प्रबंधक नोकिया कॉरपोरेट ऑफिस कस्तूरबा गांधी मार्ग नई दिल्ली, हेड ऑफिस एसपी इंफोसिस इंडस्ट्रियल प्लांट गुरुग्राम हरियाणा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि वर्ष 2018 स्थानीय विक्रेता से 12 हजार रुपये में एक मोबाइल खरीदा था। मोबाइल की एक वर्ष की गारंटी वारंटी बताई गई थी। उक्त मोबाइल खरीदने के कुछ दिन बाद ही हैंग होने लगा था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने विक्रेता को शिकायत की तो उसने संबंधित मोबाइल कंपनी के सर्विस सेंटर पर शिकायतकर्ता को भेज दिया था। इसके बाद सर्विस सेंटर ने मोबाइल को ठीक करके शिकायतकर्ता को दे दिया था। कुछ दिन बाद उसमें दोबारा दिक्कत शुरू हुई। शिकायतकर्ता ने दोबारा सर्विस सेंटर पर संपर्क किया और बार-बार फोन में कमी आती रही। आरोप है कि सर्विस सेंटर ने फोन वापस कर कहा कि यह फोन अब ठीक नहीं हो सकता। जिसपर बिना ठीक किए खराब हालत में फोन वापस करके करते समय जॉब सीट पर जबरदस्ती हस्ताक्षर प्राप्त कर लिए थे। शिकायतकर्ता ने थक हारकर आयोग की शरण ली थी।