परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित कर बच्चो की चिंताएं दूर की

 हरिद्वार। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सचिव रूपाली बनर्जी सिंह ने कहा है कि परीक्षा पर्व के आयोजन का मूल उद्देश्य परीक्षा के प्रति व्याप्त भय एवं चिंता को दूर करना है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम से प्रेरित होकर किया जा रहा है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के तत्वावधान में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा डीपीएस रानीपुर में आयोजित परीक्षा पर्व को लेकर आयोजित कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीगंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ट ने बच्चों के लिए काउंसलिंग सेल की उपलब्धता पर बल देते हुए शिक्षा एवं परीक्षा के लिए मार्गदर्शन किया। उतराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य विनोद कपरूवाण ने कहा कि परीक्षा पर्व के विषय औचित्य एवं महत्व पर विस्तार से बताते हुए इस महत्वकांक्षी कार्यक्रम की अनिवार्यता से अवगत कराया। स्वास्थ एवं बाल मनोविज्ञान एनसीपीसीआर की वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ शाईस्ता के शाह द्वारा परीक्षा पर्व में एनसीपीसीआर एवं एससीपीसीआर की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी गई। तकनीकी सत्र में यूपीईएस के सहायक निदेशक जितेंद्र भुदलियार ने चिंता एवं तनाव पर व्यापक चर्चा करते हुए इससे दूर करने के प्रभावी उपाय सुझाए। दूसरे सत्र में एनएलपी के निदेशक डॉ. पवन शर्मा ने सकारात्मक मानसिक बल पर प्रकाश डालते हुए परीक्षा पर्व की सार्थकता को स्पष्ट किया। डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ. अनुपम जग्गा ने इस कार्यक्रम के आयोजन की मेजबानी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अतिथियों, विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं बच्चों का स्वागत किया। संचालन डीपीएस की शिक्षिका नीलम भट्ट ने किया। कार्यक्रम में धर्म सिंह सदस्य एससीपीसीआर,रौशनी सती, केके गुप्ता मुख्य शिक्षाअधिकारी हरिद्वार,अविनाश सिंह भदौरिया जिला प्रोवेशन अधिकारी हरिद्वार,निशांत इकबाल मनोवैज्ञानिक एससीपीसीआर,ममता रौथाण विधि अधिकारी एससीपीसीआर, एसपी सेमवाल जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक,डॉ.संतोष कुमार चमौला, पविंदर सिंह, उमा पाण्डेय आदि शामिल रहे।