जल संसाधनों का उपयोग सुनियोजित तरीके करने की आवश्यकता-डाॅ0बत्रा

 हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में मंगलवार को विश्व जल दिवस पर पेयजल के संरक्षण विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कॉलेज के प्राचार्य डा. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि विश्व में पेयजल संसाधन बहुत ही सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। इन संसाधनों का उपयोग सुनियोजित ढंग से किया जाना चाहिए। जल संरक्षण का आह्वान करते हुए डा. बत्रा ने कहा कि इस बात की आशंका जताई जा रही है कि 2025 तक लगभग एक-तिहाई देशों में रहने वाली विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या पेयजल के गंभीर संकट से जूझती हुई नजर आएगी। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डा. संजय माहेश्वरी ने कहा कि अगर जल का सही संचय नहीं किया गया तो सृष्टि विनाश का कारण बन सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जल प्राप्ति की समस्या किसी एक क्षेत्र विशेष में नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में है। डा. सरस्वती पाठक ने कहा कि जल की महत्ता के कारण मनुष्य इसे सहेजकर रखने हेतु बांधों, झीलों, तालाबों एवं इसी प्रकार के विविध प्रयास करता है। पर्यावरण विज्ञान के शिक्षक डा. विजय शर्मा ने कहा कि नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए उनकी सहायक नदियों और झरनों को बचाना होगा। इस अवसर पर डा. नलिनी जैन, डा. पद्मावती तनेजा, विनीत सक्सेना, डा. आशा शर्मा, डा. मोना शर्मा, डा. सरोज शर्मा, डा. लता शर्मा, पूजा, योगेश्वरी, डा. विनीता चैहान, डा. पुनीता शर्मा, प्रिंस श्रोत्रिय, अंकित अग्रवाल, दीपिका आनंद, प्रियंका प्रजापति, दिव्यांश शर्मा आदि ने विचार रखे।