जमीयत उलमा ए हिन्द के फंडिग की जांच करने की मांग

 


हरिद्वार। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और धर्म संसद संयोजक यति नरसिंहानंद गिरी ने अहमदाबाद बम कांड के 38 दोषियों को मृत्युदंड और 11 को आजीवन कारावास की सजा पर संतोष व्यक्त करते हुए न्यायाधीश को साहस और कर्तव्यनिष्ठा के लिए साधुवाद दिया है। उन्होंने इस निर्णय को अब तक दोषियों के हाथों मारे गए निर्दोष लोगों और उनके परिवारजनों के जख्मों पर मरहम लगाने वाला बताया। सर्वानंद घाट पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की रिहाई के इंतजार में तीन दिन से सर्वानंद घाट पर बैठे यति नरसिंहानंद गिरी ने केंद्र सरकार से जमीयत उलमा ए हिन्द को आतंकवादी संगठन घोषित कर उसकी फंडिग की जांच करने की मांग की है। यति नरसिंहानंद का कहना है कि जिहादियों के सभी मुकदमे जमीयत उलमा ए हिन्द द्वारा लड़े गए हैं। कहा कि यह संगठन भारत में आतंकवादी घटना करने वाले हर जिहादी का मुकदमा लड़ता है और अपने राजनैतिक संबंध, गुंडों की ताकत और धनबल का प्रयोग करके न्यायपालिका की कमजोरियों का लाभ उठाते हुए ज्यादातर जिहादियों को सजा से बचा लेता है। उन्होंने हिन्दू समाज के धर्मगुरुओं से अनुरोध करते हुए कहा कि एक ओर जमीयत उलमा ए हिन्द जेहादियों की पैरवी भी खुल कर करते हैं और दूसरी ओर सनातनी धर्मगुरु हैं जो कभी भी संघर्ष करने वाले हिन्दुओं की कोई सहायता नहीं करते। उन्होंने हिन्दू समाज से ऐसे धर्मगुरुओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया। इस दौरान स्वामी अमृतानंद, नीरज त्यागी, अक्षय त्यागी, मुकेश त्यागी, संजय त्यागी व नरेंद्र त्यागी आदि शामिल रहे।