अनुसंधान में लगे छात्रों को निरन्तर अध्ययनरत रहना चाहिए-प्रो0बीडी जोशी

 हरिद्वार। पर्यावरणविद् प्रो. बीडी जोशी ने कहा है कि हर व्यक्ति के अन्दर कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है, जिसे विद्याअर्जन और निरन्तर अभ्यास के माध्यम से समाज के सामने अवसर मिलने पर सिद्ध किया जा सकता है। उन्होंने गुरुवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में चल रहे विज्ञान महोत्सव विज्ञान सर्वत्र पूज्यते को संबोधित करते हुए कही। प्रो. जोशी ने कहा कि छात्रों व अनुसंधान में लगे छात्रों को निरन्तर अध्ययनरत रहना चाहिए। विभिन्न पुस्तकों में अथाह ज्ञान का भंडार समाहित है। जिसका अध्ययन करने से शोध व हमारी जिज्ञासा को शान्त करने के अवसर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में मानव बहुत हद तक मशीनों उपकरणों पर निर्भर हो गया है। वर्तमान समय में सभी लोगों का दैनिक दिनचर्या का एक बड़ा हिस्सा मोबाइल जैसे उपकरणों में व्यतित हो जाता है। जिसके चलते मनुष्य में अपने मानसिक विकास व सोच को मानों विकसित होने से सीमित कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों के बौद्धिक विकास व अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए विद्याअर्धन कर अनुसंधान व शोध के क्षेत्रों में आगे बढ़ना चाहिए। प्रो. जोशी ने कहा कि देश में अनेक ऐसे वैज्ञानिकों के उदाहरण उपलब्ध हैं। जिन्होंने संसाधनों के अभाव में स्वयं को न केवल एक सफल वैज्ञानिक के रूप में सिद्ध किया अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत देश का मान भी बढ़ाया है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पक्षी वैज्ञानिक डॉ. विनय सेठी ने कहा कि एक सफल वैज्ञानिक होना तथा एक अच्छा इंसान होना दो अलग-अलग बातें हैं। यदि एक वैज्ञानिक विज्ञान एवं विचारों के स्तर पर स्थिर है तथा समाज में समन्वय रखते हुए अपना योगदान देता है तो उसे सही अर्थों में सफल वैज्ञानिक कहा जा सकता है। इस अवसर पर आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. एलपी पुरोहित, संयोजक प्रो. सत्येंद्र राजपुत, डॉ. हेमवती नन्दन, प्रो कर्मजीत भाटिया, डॉ. कृष्ण कुमार, डॉ. निधि हांडा, डॉ. विपिन शर्मा, डॉ. लोकेश जोशी, डॉ. बलवंत रावत, दीपक नेगी, कुलभूषण शर्मा, हेमंत सिंह नेगी, डॉ. हिमांशु पंडित आदि शामिल रहे।