हरिद्वार। धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किए गए यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दी। सीजेएम कोर्ट से झटका लगने के बाद अब जमानत के लिए सेशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। गुरुवार को हरिद्वार पुलिस ने नारसन सीमा से वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिफ्तार किया था। उनके खिलाफ शहर कोतवाली में उत्तरी हरिद्वार क्षेत्र के वेद निकेतन में हुई तीन दिवसीय धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में दो मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा उन्होंने धर्मपरिवर्तन से पहले अपनी पुस्तक का विमोचन यहां एक संस्था में किया था। आरोप है कि किताब में उन्होंने पैंगबर साहब को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की है। इस मामले में भी उनके खिलाफ एक अन्य मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज है। रिजवी की जमानत याचिका पहले ही निचली अदालत ने खारिज कर दी थी। शनिवार को सीजेएम कोर्ट में रिजवी उर्फ त्यागी की जमानत याचिका को लेकर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया। दोपहर बाद सीजेएम कोर्ट ने जमानत याचिका नामंजूर करने का फैसला सुनाया। रिजवी की पैरवी कर रहे अधिवक्ता उत्तम सिंह चैहान ने बताया कि अब सेशन कोर्ट में जमानत याचिका दायर की जाएगी।
जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज