अपनी संस्कृति और बोली भाषा का ज्ञान होना जरूरी -स्वामी यतिश्वरानंद

 कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि अपनी संस्कृति और बोली भाषा का ज्ञान होना जरूरी है। उन्होंने कहा समाज में सास्कृतिक कार्यक्रम हमे परंपराओं से जोड़े रखते है। गाजीवाली में जनकल्याण पर्वतीय संगठन द्वारा आयोजित तृतीय वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि स्वामी यतिश्वरानंद ने कहा कि हर्ष की बात है कि जनकल्याण पर्वतीय संगठन से जुड़े लोग आज भी शहर में आकर अपनी संस्कृति और रीति रिवाज से रूबरू हो रहे हैं। कार्यक्रम में संगठन से जुड़े नन्हे मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का सुंदर मंचन किया। बच्चों ने कई कुमाउंनी गीतों में शानदार नृत्य का प्रदर्शन कर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम का संचालन आचार्य गिरीश चन्द्र सुमन ने किया। कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी ने कहा कि छोटे-छोटे बच्चों ने शानदार नृत्य का प्रदर्शन कर कार्यक्रम की शोभा बढ़ा दी। बसपा नेत्री जानकी नौटियाल ने कहा कि आज हरिद्वार में पहाड़ की संस्कृति को छोटे छोटे बच्चों ने जीवंत साकार कर दिया है। कांग्रेसी नेता अनुपमा रावत ने कहा कि जनकल्याण पर्वतीय संगठन के इस शानदार कार्यक्रम में अधिकांश महिलाएं, बच्चे अपनी पारंपरिक पोशाक पिछोड़ा, नथुली पहन कर आये हैं। जिससे यहां पहाड़ जैसा वातावरण हो गया है। संस्था के अध्यक्ष राजू जोशी, योगेश पनेरू और कुलदीप जोशी ने कहा कि यहां आकर बच्चे अपनी रीति रिवाज को भूल चुके हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को अपनी संस्कृति का ज्ञान देने का एक प्रयास है। कार्यक्रम में कन्हैया जोशी, गिरीश जोशी, चंद्र प्रकाश सारस्वत, बसंत, मुकेश पोखरिया, दीपक, मोहन, प्रकाश पनेरू, हरीश रावत, मुकेश बोखरिया, दया कृष्ण बोड़ाई उल्सस्थित रहे।