राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग


 हरिद्वार। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस स्वतंत्र ट्रेड यूनियन ने राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र तेश्वर और प्रदेश महामंत्री राजेंद्र श्रमिक ने कहा कि 1992 में लगभग 10 लाख सफाई मजदूरों ने बोट क्लब नई दिल्ली पर धरना प्रदर्शन किया गया था। 1994 में तत्कालीन सरकार ने सफाई मजदूरों के हितों को देखते हुए राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया था। जिससे सफाई मजदूरों की महत्वपूर्ण समस्याओं को निराकरण के लिए सरकार तक पहुंचा जा सके। लेकिन आयोग को दर्जा न देकर अनुसूचित जाति आयोग में मिलाकर समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके विरोध पूरे देश में 24 जनवरी को धरना प्रदर्शन का आह्वान किया गया था। संगठन के विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री ने कैबिनेट बैठक बुलाकर आयोग का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया। इसके लिए संगठन प्रधानमंत्री धन्यवाद व्यक्त करता है। लेकिन आयोग को पूर्व की भांति यथावत रखते हुए संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए। मांग करने वालों में जिला प्रभारी आत्माराम बेनीवाल, शहर महामंत्री संजय पेवल, शहर उपाध्यक्ष गोपाल मोतीराम, शहर अध्यक्ष नानक चंद पेवल, प्रमोद आदि शामिल रहे।