गुडविल सोसाइटी आफ इंडिया चैप्टर की ओर से दी गई नेताजी को श्रद्वांजलि

 


हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी आफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा सुभाष चन्द्र बोस की 125वी जयंती पर वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार की अध्यक्षता करते हुए इंटरनेशनल गुडविल सोसाइटी आफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर के अध्यक्ष इं० मधुसूदन आर्य ने कहा कि नेताजी भारत के ऐसे सपूत थे जिन्होंने भारतवासियों को सिखाया कि झुकना नहीं बल्कि शेर की तरह दहाड़ना चाहिए। खून देना एक वीर पुरुष का ही काम होता है। नेताजी ने जो आह्वान किया वह सिर्फ आजादी प्राप्त तक ही सीमित नहीं था बल्कि भारतीय जन-जन को युग-युग तक के लिए एक वीर बनाना था। आजादी मिलने के बाद एक वीर पुरुष ही अपनी आजादी की रक्षा कर सकता है। आजादी को पाने से ज्यादा आजादी की रक्षा करना उसका कर्तव्य होता है। उन्होंने कहा समय-समय पर संस्था द्वारा देशभक्तों एवं महापुरुषों की जयंती मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फोन पर हुई वार्ता में राज्य राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कार्यों में व्यस्तता व्यक्त की तथा संस्था द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। प्रोफेसर महावीर अग्रवाल, प्रतिकुलपति पतंजलि योगपीठ ने कहा कि सुभाष चन्द्र बोस पूरे भारत भर में नेताजी के नाम से मशहूर हैं। वो भारत के एक क्रांतिकारी व्यक्ति थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये बहुत बड़ा योगदान दिया। प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री, कुलपति ने विशिष्ट अतिथि बतौर कहा कि सुभाष चंद्र बोस देश के आजादी के लिए अपना सब कुछ त्यागकर अपने देश से दूर रहते हुए निर्वासन की जिदंगी बिताई और सन् 1942 में उन्होंने भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया में आजाद हिंद फौज की स्थापना की। जिसने भारत में अंग्रेजी हुकूमत को कमजोर करने में एक अहम भूमिका अदा की, उनके द्वारा राष्ट्रहित में किये गये इन्हीं कार्यों के लिए आज भी देश के जनता द्वारा उन्हें याद करते है। प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी कुलपति उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय ने मुख्य प्रवक्ता बोलते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों में में से एक है। इतिहास में सुभाष चंद्र बोस जैसे देशभक्त व्यक्ति बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। प्रांतीय उपाध्यक्ष जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस एक ऐसे देशभक्त थे जो सेनापति, वीर सैनिक, कुशल राजनितिज्ञ होने के साथ ही एक कुशल नेतृत्वकर्ता भी थे। उनका जीवन जो देश के लिए समर्पित था वह हम सबके लिए एक प्रेरणा के समान है। इस अवसर पर विमल कुमार गर्ग, आर के गर्ग, शोभा शर्मा, अनिल कंसल, नानक चंद गोयल, भारती सिंह, मंगेश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की राष्ट्र के लिए निस्वार्थ सेवा का सम्मान करने और उन्हें याद करने के लिए, भारत सरकार ने हर साल 23 जनवरी को उनके जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस‘ के रूप में मनाने का फैसला किया। वेबीनार का संचालन विमल कुमार गर्ग ने किया। इस मौके पर लायन एस आर गुप्ता ने मानव अधिकार संरक्षण समिति की ओर से कोरोना वारियर्स को सम्मानित करते हुए नामों की घोषणा की जिसमें अनिल अरोड़ा, प्रो0 एल0पी0 पुरोहित, अविनाश चन्द्र ओहरी, मनोज गर्ग, पूर्व चेयरमैन, जगदीश लाल पाहवा, नानक चन्द गोयल, नीरज मित्तल, विश्वास सक्सैना, मनमोहन जैन, हेमन्त सिंह नेगी, रविकान्त गुप्ता, डा0 कुमार प्रशान्त, डा0 विशाल गर्ग, भारती सिंह, शोभा शर्मा, अनिल कंसल, डा0 ऊधम सिंह, गौरव जैन, डा0 निधि गर्ग कुमार, संजीव गुप्ता, महेन्द्र आहुजा, हरेन्द्र गर्ग, रेखा नेगी को सम्मानित किया गया उन्होंने कहा कि सभी को प्रमाणपत्र सबके घर भेज दिए जायेंगे। सम्मान मिलने पर सभी सदस्यों ने मानव अधिकार संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष इं० मधुसूदन आर्य का धन्यवाद ज्ञापित किया।