सर्दी के सितम से बचाने को बाॅटे जरूरतमंदो को 50कम्बल
हरिद्वार। धर्म नगरी में पड़ रही कड़ाके की सर्दी का संज्ञान लेते हुए श्रीगीता विज्ञान आश्रम ट्रस्ट के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने आज अपने भक्तों एवं ट्रस्टियों के सहयोग से कनखल से हर की पैड़ी तक गंगा घाटों पर आश्रय लेने वाले साधु सन्यासी एवं असहाय वर्ग के 50 लोगों को कंबल बांटकर सर्दी से उनकी रक्षा की। इससे पूर्व उन्होंने मकर सक्रांति पर्व पर खिचड़ी एवं तिल के लड्डुओं का भंडारा कर सनातन धर्म की परंपराओं का संवर्धन किया। कंबल वितरण से पूर्व श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मानव सेवा ही भगवान की सबसे बड़ी पूजा है और असहाय तथा अभावग्रस्त व्यक्ति को भोजन और वस्त्र का दान देने वालों के परिवार में कभी भी किसी प्रकार का अभाव नहीं होता है। दान और दया को दरिद्रता दूर करने का माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा कि जो दूसरों का कल्याण चाहता है भगवान सबसे पहले उसी का कल्याण करता है। भारत के ऋषि मुनियों द्वारा स्थापित संस्कृति को अध्यात्मिक विज्ञान की संज्ञा देते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग का अंत होने वाला है,सतयुग आएगा और भारत महाशक्ति बनकर संपूर्ण भूमंडल का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सभी को दो-दो मास्क देकर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का संदेश देते हुए कहा कि सभी देशवासी स्वस्थ रहें यही मां गंगा से कामना करता हूं और इसके लिए सभी को स्वयं सतर्कता बरतनी होगी।