सेवा में कमी पाये जाने पर उपभोक्ता आयोग ने दिया 20-20लाख देने के निर्देश

 हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने एक निजी अस्पताल के प्रबंधक और चिकित्सक को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया है। आयोग ने निजी अस्पताल और चिकित्सक को अल्ट्रासाउंड की कीमत छह सौ रुपये, मानसिक व आर्थिक क्षति पांच लाख रुपये, शिकायत खर्च व अधिवक्ता फीस राशि 10 हजार रुपये और विशेष क्षतिपूर्ति के रूप में 20-20 लाख रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। ग्राम कमालपुर सैनी निवासी शिकायतकर्ता अधिवक्ता संदीप कुमार ने स्थानीय निजी अस्पताल जया मैक्सवेल बहादराबाद के प्रबंधक और चिकित्सक सन्तोष गायधनकर के खिलाफ शिकायत दायर की थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसकी पत्नी गर्भवती थी। पत्नी का इलाज बहादराबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चल रहा था। स्वास्थ्य केंद्र में दिखाने के बाद उसे अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी गई। जिसपर शिकायतकर्ता अपनी पत्नी को लेकर निजी अस्पताल में पहुंचा था। जहां चिकित्सक संतोष गायधनकर ने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट तैयार कर पत्नी को 30 सप्ताह चार दिन की गर्भवती और वजन 1641 ग्राम बताया था। जबकि उसकी पत्नी चार महीने की गर्भवती थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने अन्य अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया था। जहां अल्ट्रासाउंड में गर्भवती की जांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मिली थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि निजी अस्पताल के चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड की गलत रिपोर्ट तैयार कर उसे व उसकी पत्नी को मानसिक और शारीरिक कष्ट पहुंचाया है। जिस पर शिकायतकर्ता की पत्नी के साथ गंभीर घटना हो सकती थी। जिसपर शिकायतकर्ता ने स्थानीय निजी अस्पताल के प्रबंधक और उसके चिकित्सक के खिलाफ आयोग की शरण ली थी। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन और सदस्यों ने स्थानीय निजी अस्पताल के प्रबन्धक व चिकित्सक को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी ठहराया है।