संपूर्ण विश्व को आर्य बनाना हर आर्य का कर्तव्य-स्वामी यतिनरसिंहानद

 हरिद्वार। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि वेद की आज्ञा है कि संपूर्ण विश्व को आर्य बनाना हर आर्य का कर्तव्य है। कोई भी व्यक्ति अपना धर्म छोड़कर सनातन की शरण लेता है और उसके बाद उसके आर्य बनने का मार्ग प्रशस्त होता है। शनिवार को वेद निकेतन में धर्म संसद के दूसरे दिन यति नरसिंहानंद ने कहा कि सनातन की सबसे बड़ी कुरीति जातिवाद है। परंतु आज के युवा संत और सामाजिक कार्यकर्ता इस बुराई को समाप्त को करने के लिये कृतसंकल्पित दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी का जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो जाना यह तभी संभव हुआ जब त्यागी समाज के युवाओं ने आगे बढ़कर ईरानी मूल के सैय्यद मुसलमान वसीम रिजवी को अपने समाज में भाई की तरह सम्मिलित किया। उनके साथ हर तरह का संबंध स्थापित करने का प्रण लिया। हिन्दुओं के हर समाज को आगे बढ़कर त्यागी समाज का अनुसरण करना है। इस दौरान सभी संतों ने वसीम रिजवी के जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी बनने पर उनका अभिनन्दन और स्वागत किया और हर तरह से उनका साथ देने का संकल्प किया। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधीर कौशिक के नेतृत्व आचार्य पवन कृष्ण शास्त्री, रोहित शर्मा, सनोज शास्त्री तथा अन्य ब्राह्मणों ने खुले मन से जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी का वेद मंत्रों के वाचन और पुष्प वर्षा के साथ अभिनंदन और स्वागत किया। अधीर कौशिक ने धर्म संसद में हिन्दू समाज को जातिवाद की बुराई से मुक्ति दिलाने का संकल्प लेते हुए कहा कि अब किसी को भी हम अपने मतभेदों का फायदा उठाने नहीं देंगे। अब हम ब्राह्मण से लेकर वाल्मीकि तक एक परिवार हैं और एक परिवार बनकर ही अपने शत्रुओं के सामने खड़े हैं। धर्म संसद में महामंडलेश्वर प्रबोधानंद गिरी, महामंडलेश्वर अनंतानंद, महामंडलेश्वर डॉ. प्रेमानंद, महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती, महामंडलेश्वर विवेकानंद गिरी, महामंडलेश्वर सन्तोषनंद,महामंडलेश्वर मधुरा, महामंडलेश्वर लोकेशनंद गिरी, महंत लोकेश दास, साध्वी प्राची, महंत रामेश्वरानंद, बालयोगी ज्ञाननाथ, कुलदीप सैनी, अंकित चैहान, मनीष उपाध्यक्ष, अरुण त्यागी, भूपेंद्र चैहान, नितिन चैहान, विनय कटारिया, बजरंग, पुनीत, विनोद आजाद, दीपक हिंदू ने अपने विचार रखे।