एक दिवसीय कार्यशाला में त्वचा रोगों को लेकर शोघ से कराया अवगत
हरिद्वार। विश्व आयुर्वेद परिषद उत्तराखंड की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य चिकित्सकों को त्वचा रोगों से संबंधित शोध से अवगत कराना था। सोमवार को स्थानीय होटल में आयोजित कार्यशाला में रुद्राक्ष आयुर्वेद चिकित्सालय के डॉ विनीष गुप्ता ने दारूणक, बालों का गिरना, विपादिका, मस्से, विचर्चिका आदि रोगों की जानकारी दी। डॉ भावना मित्तल ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज हरिद्वार ने चित्रकादि लेप एवं सिद्धार्थक अगद के प्रयोग पर रोगियों पर किए गए अनुसंधानात्मक कार्य को प्रस्तुत किया। त्वचा रोग चिकित्सक डॉ. के स्वरूप ने विभिन्न प्रकार के त्वचा रोगों में एग्जिमा, डैंड्रफ, काले दाग, श्वित्र, लेप्रोसी और हरपीज जोस्टर, एक्नि वल्गैरिस, लाइकेन प्लेनस एवं अन्य की चिकित्सा व्यवस्था बताई। लेक्चरर राजकीय आयुर्वेद कॉलेज बीकानेर की डॉ. सपना खत्री आयुर्वेद चिकित्सा सिद्धांत एवं काष्ट औषधियों एवं रसोषधियों के प्रयोग पर प्रकाश डाला। गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज के प्रो. देवेश शुक्ला रोगों के सफल उपचार पर अनुभव बताये। विभागाध्यक्ष प्रो.ओपी सिंह ने मंजिष्ठा, हरीतकी, त्रिफला का त्वचा रोगों में प्रयोग बताया गया। कार्यक्रम में चिकित्सक डॉ आशीष मिश्रा, डॉ उत्तम कुमार शर्मा, डॉ मयंक भट्टकोटि, डॉ विपिन कुमार अरोड़ा ने प्रतिभाग किया।