महोत्सव के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों ने तकनीकि जानकारियाॅं

 हरिद्वार। कमल मिश्रा- ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय मशरूम महोत्सवःखुम्ब हर द्वार’’ को लेकर तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा वर्चुअल एवं भौतिक रूप से अपने व्याख्यान,प्रस्तुतिकरण से प्रतिभाग करने वाले कास्तकारोंध्विभागीय कार्मिकों को लाभान्वित किया गया। यह जानकारी उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डा0 एच0एस0 बवेजा, ने देते हुए बताया कि आज के प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डा0 परमिन्द्र कौर बवेजा, प्रोफेसर, डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा की गयी। सर्वप्रथम प्रगतिशील मशरूम उत्पादक श्रीमती दिव्या रावत द्वारा मशरूम के पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से अवगत कराया गया। इसके उपरान्त थाईलैंण्ड देश में कर्नल्स फार्मस्टे के नाम से मशरूम उत्पादक संस्था एवं होमस्टे संचालित करने वाले कर्नल पैकडी टाॅंग द्वारा टाईगर मिल्की मशरूम के औषधीय लाभ एवं उत्पादन की सम्भावनाओं विषय पर अपना विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। इसी कड़ी में मलेशिया में गैनोफार्म ग्रुप आॅफ कम्पनीस एवं गुरूसन वैलनेस के नाम से प्रसिद्व मशरूम की विभिन्न प्रजातियों के साथ ही मशरूम के प्रसंस्कृत उत्पादों का उत्पादन करने एवं होमस्टे का संचालन करने वाली संस्था के सुश्री पैगी चंग द्वारा प्रतिभागियों को अपने व्याख्यान में अपनी सफलता की कहानी बताते हुए अवगत कराया। द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डा0 वी0पी0 शर्मा, निदेशक, मशरूम अनुसंधान निदेशालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश एवं सह-अध्यक्षता डा0 परमिन्द्र कौर बवेजा, प्रोफेसर, डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा की गयी। सत्र को सम्बोधित करते हुए निदरलैण्ड के कृषि संयन्त्र उत्पादक श्री राॅब वण्डर होस्ट द्वारा हाॅलैण्ड में मशरूम के आॅटोमेटेड उत्पादन तकनीकी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए मशरूम उत्पादन में प्रयोग किये जाने वाले सयन्त्रों की जानकारी प्रदान की गयी। थाईलैण्ड के थाईबाॅयोटेक मशरूम के डा0 आॅटरेगुल द्वारा व्यवसायिक स्तर पर विकसित मशरूम की विभिन्न प्रजातियों की तकनीकी के सम्बन्ध में विस्तारर्पूवक अवगत कराया गया। जापान के नगानो निवासी मशरूम उत्पादक श्री इनुई केईटा द्वारा मशरूम की विशिष्ट प्रजाति सिटाके की उत्पादन तकनीकी पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। डा0 राकेश शर्मा, सहायक प्राध्यापक, खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग, डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा मशरूम क्षेत्र में कार्यरत उद्यमियों को मशरूम के वैल्यू एडिशन तकनीकी से उद्यमिता विकास पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि इसके उपयोग से मशरूम उत्पादन के क्षेत्र को ओर विकसित किया जा सकता है। आज के तृतीय सत्र की अध्यक्षता आलोक गुप्ता, अध्यक्ष, सुरभि फाउन्डेशन, दिल्ली द्वारा एवं सह-अध्यक्षता डा0 जे0सी0 कैम, अपर निदेशक, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उत्तराखण्ड द्वारा की गयी। कौशिक दास गुप्ता, बाॅयोविदा एग्रो वैन्चर्स प्रा0लि0, हरियाणा द्वारा कम लागत से वर्षभर मशरूम उत्पादन की तकनीकी के सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गयी। आज के अन्तिम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डा0 अजित कर्नाटका, कुलपति, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार द्वारा एवं सह-अध्यक्षता संजय कुमार श्रीवास्तव, निदेशक, बागवानी मिशन, उत्तराखण्ड द्वारा की गयी। सत्र के दौरान नवीन पटवाल व अमित शर्मा, वेल्कीन फूड, झबरेडा, रूड़की, जनपद हरिद्वार द्वारा निदरलैण्ड माॅडल पर आधारित मशरूम उत्पादन इकाई की विस्तृत तकनीकी जानकारी प्रदान की गयी। विभिन्न तकनीकी सत्रों के उपरान्त किसानों के अनुभव साझा करने एवं पैनल विचार-विमर्श हेतु सत्र आयोजित किया गया, जिसमें कृषकों द्वारा मशरूम उत्पादन में अपने अनुभव एवं समस्याओं से अवगत कराया गया तथा तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा कृषकों की समस्याओं के समाधान हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान कर उनकी समस्याओं का समाधान किया गया। कार्यक्रम मंे डा0 राम बिलास यादव, अपर सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण,एस0के0 यादव, निदेशक, रेशम, डा0 जे0सी0 कैम, अपर निदेशक, उद्यान, डा0 ओ0पी0 शर्मा, निदेशक प्रसार (सेवा निवृत्त), डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश, डा0 दिवाकर बहुखण्डी, प्रधान वैज्ञानिक (सेवा निवृत्त),आई0ए0आर0आई0, नई दिल्ली, डा0 परमिन्द्र कौर बवेजा, प्रोफेसर, डाॅ0 यशवन्त सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय,सोलन, हिमाचल प्रदेश, डा0 रतन कुमार, संयुक्त निदेशक, हरीश तिवारी, संयुक्त निदेशक, अमर सिंह, उप निदेशक, डा0 बृजेश गुप्ता, उप निदेशक, डा0 सुरेश राम, उप निदेशक, श्री महेन्द्रपाल, उप निदेशक, नरेन्द्र यादव, मुख्य उद्यान अधिकारी, हरिद्वार,एम0पी0 शाही, मुख्य उद्यान अधिकारी, देहरादून, श्रीमती भावना जोशी, मुख्य उद्यान अधिकारी, नैनीताल आदि विभागीय अधिकारी,कर्मचारी उपस्थित रहे।