केन्द्र सरकार की श्रम संहिताओं के विरोध मे श्रमिक संगठनों का प्रदर्शन
हरिद्वार। मजदूर अधिकार संघर्ष अभियान (मासा) के घटक संगठनों में इंकलाबी मजदूर केंद्र और भेल मजदूर ट्रेड यूनियन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन एवं प्रगतिशील महिला एकता केंद्र हरिद्वार समेत विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने शिवालिक नगर चैराहे पर केंद्र सरकार द्वारा पास की गई चार श्रम संहिताओं के विरोध में प्रदर्शन किया। साथ ही श्रम संहिताओं की प्रतियों को फूंका। श्रमिक नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने 23 सितंबर 2020 को संसद में पुराने 44 श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में बदलकर साबित कर दिया कि सरकार मजदूर की नहीं है बल्कि पूंजीपति वर्ग की है। श्रमिक नेताओं ने कहा कि नई श्रम संहिताओं के लागू हो जाने से मजदूर वर्ग पर पहले से ज्यादा काम का बोझ बढ़ जाएगा। मजदूरों के लिए काम की परिस्थिति और ज्यादा जटिल हो जाएगी। महिला मजदूरों को रात की पाली में काम करने की बाध्यता और खतरनाक मशीनों पर काम करने को बाध्य किया जाएगा। मजदूरों के हड़ताल करने के अधिकार को भी जटिल बना दिया जाएगा। श्रमिक नेताओं ने कहा कि ऐसे में सभी मजदूर संगठन और ट्रेड यूनियन व सामाजिक संगठनों को मिलकर सरकार की मजदूर विरोधी नीति का विरोध करना चाहिए। प्रदर्शन में हरिद्वार प्रभारी पंकज कुमार, भेल मजदूर ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष राज किशोर, महामंत्री अवधेश कुमार, अरविन्द कुमार, बृजराज सिंह, सियाराम, राजू , हरीश, अरविंद, सचिन, रामसिंह कुमार, नासिर अहमद, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र से दीपा एवं दीपमाला शामिल रहीं।