आज शोध के क्षेत्र में नवचार की नितांत आवश्यकता- प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी

 हरिद्वार। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमर कंटक (मध्य प्रदेश) के कुलपति प्रो. मणि त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक समग्रतावादी पहल है। जिसमें विभेद का कोई स्थान नहीं है। यह केवल शिक्षक एवं शिष्य को ही आपस में नहीं जोड़ती, अपितु खेत में काम करने वाले किसान को भी इससे जोड़ती है। यह बात उन्होंने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में कही। प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि यह नीति प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही तय करती है। विद्यार्थी से लेकर संस्थान के मुखिया की भी इस नीति में जिम्मेदारी तथा जवाबदेही तय होती है। यह नीति आंगनबाड़ी से लेकर विश्वविद्यालय सभी संस्थाओं को आपस में जोड़ेगी। क्लासरूम टीचिंग का बदला स्वरूप ऑनलाइन टीचिंग है, जो एक क्रांतिकारी बदलाव है। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि प्रकृति में प्रत्येक जीव नवाचार की ओर आकर्षित होती है। आज शोध के क्षेत्र में नवचार की नितांत आवश्यकता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी नवाचार को समुचित बल दिया गया है। तकनीकि संयोजन डॉ. सुमन प्रसाद भट्ट और धन्यवाद कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने किया। कार्यक्रम में डॉ. शैलेष तिवारी, डॉ. प्रतिभा शुक्ला, डॉ. विनय कुमार सेठी, डॉ. अजय परमार, डॉ. श्वेता अवस्थी, डॉ. धीरज शुक्ल, अरविंद गौतम, धीरज चैहान, कृष्णा कुमार, ललित शर्मा, निधि गौड़, पंकज गोदियाल, पार्थ सारथी थपलियाल, पूनम कुमारी, अनिता रानी, विवेक जोशी, आरती सैनी, शुभम रतूडी, रीना अग्रवाल, रिक्की दुबे, वन्दना दुबे, अनूप बहुखण्डी आदि शामिल रहे।