प्राचार्य की गिरफ्रतारी के विरोध में पूर्व स्नातक परिषद का 15वें दिन भी धरना जारी

 हरिद्वार। श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ निरंजन मिश्र की गिरफ्तारी के विरोध में महाविद्यालय परिसर के बाहर पूर्व स्नातक परिषद् का धरना 15वें दिन भी जारी रहा। पूर्व स्नातक परिषद् की ओर से डा. दीपक कोठारी ने कहा कि एफआइआर में लगाये गये आरोपों से मातृ संस्था ही दोषी सिद्ध होती है, न कि महाविद्यालय प्रबंध समिति। उन्होंने कहा कि एफआइआर में आरोप लगाया है कि सन् 1965 से 1985 तक नवीनीकरण का कार्य प्रबंध समिति द्वारा कराया गया जोकि सही था। लेकिन 1985 से 2010 तक मातृसंस्था द्वारा नवीनीकरण कराया गया जोकि गलत था। इससे मातृसंस्था ही दोषी सिद्ध होती है न कि प्रबंध समिति। आरोप लगाया कि जानबूझकर गलत रिपोर्ट लगाकर प्राचार्य को फंसाया गया है। डा. कोठारी ने कहा कि सन् 1978 से सन् 1985 तक तत्कालीन प्राचार्य मनसाराम शर्मा एवं प्राचार्य अभेदानन्द भट्टाचार्य ने नवीनीकरण करवाया तो उन्होंने कौन सी जमीन खुर्द बुर्द कर ली थी। इसी प्रकार वर्ष 2016 में जिस प्रबंध समिति ने नवीनीकरण करवाया है, उसने भी किसी प्रकार का कहीं कोई कब्जा नहीं किया है। धरना स्थल पर गोपाल बडोनी, आयूष, आशीष कुमार जोशी, नवीन प्रसाद, अंकुल कर्णधाल, ज्योति चैधरी, सौरभ जोशी, देवेश पन्त, अजय ममगांई, रोहित जोशी, अजय बडोनी आदि शामिल रहे।