हरिद्वार। श्री गीता विज्ञान आश्रम में कोरोना की रोकथाम हेतु चल रहे गायत्री महायज्ञ में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़नी प्रारंभ हो गई है। समस्त धार्मिक एवं अध्यात्मिक गतिविधियां राजा गार्डन स्थित हनुमान मंदिर हनुमत धाम से संचालित हो रही हैं। जो गुरु पूर्णिमा तक अनवरत जारी रहेगी। श्री गीता विज्ञान आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गीता और गायत्री सनातन धर्म के आधार तथा गाय और गंगा प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। गीता भगवान श्री कृष्ण की वाणी तथा गायत्री वेदों की मां है। गाय सृष्टि का सर्वाधिक उपयोगी प्राणी है। जिसमें 33 प्रकार के देवताओं का वास होता है और गंगा प्रकृति की प्रत्यक्ष देवी हैं। जो लोक कल्याण के लिए धरा धाम पर उतरी है। गंगा सभी का कल्याण करने के बाद वर्षा ऋतु में अपनी स्वच्छता भी स्वयं करती हैं। यही कारण है कि गाय और गंगा की सेवा तथा गीता एवं गायत्री का पाठ करने से दैवीय एवं प्राकृतिक आपदाओं का शमन हो जाता है। गीता विज्ञान आश्रम एवं हनुमान मंदिर हनुमत धाम राजा गार्डन में अनवरत गीता गायत्री का पाठ तथा गौ सेवा की गतिविधियां संचालित होती रहती हैं। देश की जनता तथा सरकार के सामूहिक प्रयासों से कोरोना वायरस अब नियंत्रण में है और जनता ने पूरी सावधानियां बरती तो संभावित तीसरी लहर नहीं आएगी। आश्रम में चलने वाली धार्मिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को सुंदरकांड तथा हनुमान चालीसा का पाठ आयोजित किया जाएगा। जबकि 17 से 23 जुलाई तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा एवं 24 जुलाई को श्री गायत्री महायज्ञ तथा श्रीमद्भागवत की पूर्णाहुति के साथ ही संत सम्मेलन एवं भंडारा प्रसाद की कृपा बरसेगी।
गीता भगवान श्री कृष्ण की वाणी तथा गायत्री वेदों की मां-म.म.स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती