निजी अस्पताल को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया,दो लाख तीस हजार देने के आदेश

 हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने पीड़ित की शिकायत पर देहरादून के निजी अस्पताल को उपभोक्ता सेवा में कमी और लापरवाही का दोषी पाया है। उपभोक्ता आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को इलाज राशि एक लाख 70 हजार रुपये, हर्जाना राशि 50 हजार और शिकायत खर्च व वकील फीस 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता को एक माह की अवधि में देने के आदेश दिए हैं। साथ ही, उक्त समस्त राशि शिकायतकर्ता को अदा करने के बाद निजी अस्पताल प्रबन्धन उक्त समस्त राशि महानिदेशक परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग देहरादून से प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र है। शिकायतकर्ता सुदेश कुमार पुत्र सुक्कड़ सिंह प्रबंधक कोर्ट परिसर रोशनाबाद हरिद्वार ने महानिदेशक परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग देहरादून, सिडकुल और देहरादून स्थित निजी अस्पताल के खिलाफ एक लिखित शिकायत फोरम में दी थी। शिकायत में बताया था कि उसने स्वास्थ्य विभाग के माध्यम एक मेडिक्लेम हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की हुई है। शिकायतकर्ता वर्ष 2016, 17 और 18 से नियमित रूप से 35 सौ रुपये प्रीमियम राशि जमा करता आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने उसे किसी भी बीमारी पर समस्त इलाज खर्च राशि का भुगतान करने का आश्वासन दिया था। बीमा पॉलिसी अवधि के दौरान शिकायतकर्ता की छाती में अचानक दर्द हुआ था। परिजनों ने उसे सिडकुल में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां जांच करने के बाद चिकित्सक ने स्टंट डालने की एवज में ढाई लाख रुपये का खर्च बताया था। शिकायतकर्ता के परिजनों ने पॉलिसी का लाभ देने की बात कही, तो अस्पताल प्रबन्धन ने मना कर दिया था। स्थानीय निजी अस्पताल ने जांच खर्च राशि चार हजार 287 रुपये भी परिजनों से ले लिए थे। शिकायतकर्ता की तबीयत खराब होने पर उसे देहरादून जोगीवाला के समीप कैलास अस्पताल में रेफर कर दिया था। अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक ने जांच के बाद स्टंट ऑपरेशन करने की फीस समेत अन्य खर्च राशि दो लाख दस हजार रुपये का बिल दिया था। शिकायतकर्ता के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को बीमा पॉलिसी दिखाते हुए उसका लाभ देने की मांग की। आरोप है कि अस्पताल प्रबन्धन ने पॉलिसी को मानने से इंकार कर दिया था। शिकायतकर्ता ने संबंधित स्वास्थ्य विभाग से कई बार इलाज खर्च राशि की मांग की। लेकिन संबंधित विभाग पर कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। थक हारकर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी। उक्त शिकायत की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने देहरादून के अस्पताल को उपभोक्ता सेवाओं में कमी और लापरवाही का दोषी पाया। साथ ही, अस्पताल को उक्त समस्त राशि शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। इसके बाद निजी अस्पताल देहरादून को उक्त सभी राशि महानिदेशक परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग देहरादून से प्राप्त करने के लिए स्वतंत्र होगा।