कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एकमात्र सर्वमान्य हल योगासन

 हरिद्वार। मानव अधिकार संरक्षण समिति, अखिल भारतीय वैश्य महासभा, भारत विकास परिषद मंदाकनी शाखा तथा महात्मा विदुर बिजनौरी समाज ट्रस्ट, हरिद्वार के संयुक्त तत्वावधान में कोरोना काल में योग का महत्व विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। डॉ पूनम सिंह, सचिव योग मंथन ने सर्वप्रथम ईश वंदना के साथ वेबिनार का शुभारंभ किया। वेबिनार की अध्यक्षता एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुये ई0 मधुसूदन आर्य ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए योग के आसन एक रामबाण उपाय हैं। योग से शरीर पूर्णतया स्वस्थ रहता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ ही श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है। जाहिर है स्वस्थ शरीर में किसी भी तरह के संक्रमण का सवाल ही नहीं उठता। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का एकमात्र सर्वमान्य हल योगासन ही है। वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि महर्षि पतंजलि ने योग की परिभाषा करते समय इस प्रकार की है- ”योगश्चित्त वृत्ति निरोधः” चित्त की वृत्तियों का रोकना ही योग है। ”युज्यते असौ योगः” अर्थात् जो युक्त को करें अर्थात् जोड़े वह योग है। अर्थात् आत्मा व परमात्मा को युक्त करना ही योग है। श्री कृष्ण जी ने ”योगः कर्मसु कौशलम्” कहा है। उन्होने कहा हमारी 64 विधाएँ है जिसमें से योग एक विधा है, जिसने समाज में अपनी छाप छोड़ी है । उन्होने कहा कि सरकार को योग को प्राइमरी शिक्षा से ही प्रारम्भ कर देनी चाहिए विशिष्ट अतिथि के रूप में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक, प्रो0 ईश्वर भारद्वाज ने कहा कि प्राचीन समय से ही ऋषि-मुनि योग द्वारा साधना करते आए है। ऋषि-मुनियों ने ही योग को ईजाद किया है। योग हर मनुष्य के लिए बहुत जरूर है। हम सभी को प्रतिदिन योग जरूर करना चाहिए। शारीरिक एवं मानसिक रोगों के निवारण के लिए योग किया जा रहा है। डा0 अशोक कुमार आर्य, पी0जी0 कालेज, अमरोहा ने मुख्य वक्ता बतौर कहा कि पूरे देश में 7वां योग दिवस मनाया जाएगा। योग मन को शांत और प्रसन्न करने का उपाय है. योग करने से मन में किसी भी प्रकार की उथल-पुथल नहीं होती है. मन शांत और स्थिर रहता हैद्य मन से ही शरीर चलता है। यदि मन प्रसन्न रहेगा तो शरीर भी नियंत्रित रहेगा। यौगिक क्रिया से सम्पूर्ण शरीर निरोगी बन जाता है। वेबिनार का संचालन मानव अधिकार संरक्षण समिति की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष डा0 सपना बंसल, दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली ने किया। उन्होने कहा कि योग हर आयु के मनुष्य के लिए जरूरी है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग का महत्व ओर ज्यादा बढ़ गया है। वेबिनार में अमेरिका से जुड़े सलिल गुप्ता में भी अपने विचार रखे। वेबिनार में देश विदेश से प्रतिभागी करने वालों मे अशोक मित्तल, जगदीश लाल पाहवा, तोष जैन, हेमंत सिंह नेगी, रेखा नेगी, नूपुर पाल, बृजमोहन अग्रवाल, डॉ रश्मि वाष्णेय, डॉ बीना रस्तोगी, पूनम गोयल, प्रमोद विजय, प्रदीप अग्रवाल, संजय आर्य, रवीद्र अरोरा, देवी सहाय विजय, डॉ ओ पी अग्रवाल, मनीषा, सोनू कुमार, गोविंदानन्द, सीमा गोयल, भावना, वी के आर्य, शोभा आर्य, सीमा सचदेवा, प्रेमचन्द्र बिष्ट, मीनू, पूनम सिंह, मनोज जैन, उमा पंत, अनीता जैन, शुभम सिंह, अशोक कुमार बंसल, प्रो अजीत भार्गव, राशि सूद, दिव्या भारती, रमा गुप्ता, सदानंद आर्य, सुनील वाष्णेय, बाल किशन, शिखा श्रीवास्तव इत्यादि उपस्थित रहे।