गिलोय, हल्दी भी शरीर की अशुद्धियों को दूर करके रोगों से दूर रखती हैं
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में संचालित औषधीय पादप महाकुंभ समारोह में एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा के रसायन विज्ञान विभाग के डॉ रंजन पात्रा ने कैंसर रोग में उपयोगी फोटो डायनामिक उपचार के बारे में बताया। उन्होंने बताया शरीर में बहुत सी ऐसी जटिल प्रक्रियाएं होती हैं जिनसे शरीर के लिए लाभदायक पदार्थ और रसायन तो बनते ही हैं। साथ ही ऐसे भी रसायन बनते हैं जिनका शरीर से बाहर निकलना जरूरी होता है। इसके लिए हमारे शरीर में अनेक रसायन, एंजाइम काम करते हैं। आयुर्वेद में काम आने वाली विभिन्न दवाएं जैसे गिलोय, हल्दी भी शरीर की अशुद्धियों को दूर करके रोगों से दूर रखती हैं। डॉ पात्रा ने कहा कि पेड़-पौधों मे ऐसे रसायन पाये जाते हैं जो प्रकाश में अपनी संरचना मे परिवर्तन कर लेते हैं तथा ऊर्जा की उच्च अवस्था में चले जाते हैं। इनकी ऐसी अवस्था उस ऊर्जा को अपने अंदर से उत्पन्न करती है। इससे शरीर में बनने वाले हानिकारक रसायन या तो बनना बंद हो जाते हैं या फिर उनके बनने की प्रक्रिया बहुत धीमी हो जाती है। ऐसा होने से शरीर में रोग नहीं हो पाते। सत्र की अध्यक्षता मेरठ तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के डॉ अनुराग ने की। उन्होंने कैंसर के लिए दवाओं के अनुसंधान पर बल दिया। इस सत्र में एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ के देवेश कुमार मिश्रा और प्राची शुक्ला ने बाल टूटने और इससे संबधित बीमारी के विषय में शोध कार्य पेश किया। उन्होंने बालों से संबंधित आधुनिक उपचार और दवाओं के बारे में बताया। भेषज विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो एसके राजपूत ने बताया कि कैंसर रोग बहुत तेजी बढ़ रहा है। इसके लिए नई-नई थेरेपी की खोज आवश्यक है। संचालन डॉ नरेश किमर रांगडा ने किया। डॉ विपिन शर्मा ने शभी का आभार जताया। इस दौरान डॉ आशीष पांडे, डॉ अभिषेक बंसल, राहुल सिंह, रोहित भारद्वाज, डॉ आलोक कुमार शुक्ला, राजेंद्र यादव, डॉ अश्वनी कुमार, कपिल कुमारगोयल, स्वाति मदान आदि उपस्थित रहे।