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सिद्ध महापुरूष थे ब्रह्मलीन महंत पृथ्वीपाल सिंह महाराज-महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन सदैव परमार्थ के लिए समर्पित रहता है और महापुरुषों ने हमेशा ही समाज का मार्गदर्शन कर नई दिशा प्रदान की है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की छावनी में आयोजित ब्रह्मलीन महंत पृथ्वीपाल सिंह महाराज के श्रद्धांजलि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदा व्यवहारिक रूप से उपस्थित रहती है। ब्रह्मलीन महंत पृथ्वी पाल सिंह महाराज एक सिद्ध महापुरुष थे। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाले संत महापुरुष समाज के प्रेरणा स्रोत होते हैं। ब्रह्मलीन महंत प्रथ्वी पाल सिंह महाराज एक विद्वान महापुरुष थे। धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में उनकी सहभागिता सदैव स्मरणीय रहेगी। महंत राजा सिंह महाराज ने कहा कि देश दुनिया को धर्म का सकारात्मक संदेश प्रदान करने वाले संत महापुरुष राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में सदैव तत्पर रहते हैं। इस दौरान महंत रंजय सिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत तीरथ सिंह, महंत गुरजिंदर सिंह, महंत लक्ष्मण सिंह शास्त्री, महंत ज्ञान सिंह, महंत हरजिंदर सिंह, महंत दर्शन सिंह, महंत जगदीश हरी, महंत अमनदीप सिंह, महंत खेमसिंह, संत तलविंदर सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सुखमन सिंह संतजनों के अलावा समाजसेवी अतुल शर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।