जीवन शैली में परिवर्तन करके कई गंभीर बीमारियों को नियंत्रित कर सकते है

 हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित औषधीय पादप महाकुंभ में शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के डॉ अजय मलिक ने जीवन शैली द्वारा उत्पन्न व्याधियों के बारे में व्याख्यान दिया। डॉ मलिक ने बताया कि आज के जीवन में हम अपनी जीवनचर्या पर ध्यान नहीं दे पाते। यह बहुमूल्य समय न तो हम अपने परिवार को दे पाते हैं न ही अपने जीवन पर, जबकि हम थोड़ा सा समय अपने शरीर के लिए निकालकर बहुत सी बीमारियों से दूर रह सकते हैं, बदलती खान-पान की शैली ने भी हमको बीमार बनाया हुआ है, कोविड के समय अधिक समय मोबाइल, टेलीविजन पर बिताकर हमने समय तो नष्ट किया ही है अपितु बहुत सी जीवन शैली से संबंधित बीमारियों को भी आमंत्रित किया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ऋषिकेश के डॉ आशीष भूटे ने कहा कि रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग, नींद न आना इत्यादि अनेकों ऐसी बीमारियां हैं, जिनको हम काफी हद तक अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करके नियंत्रित कर सकते हैं। शारीरिक गतिविधियों को यदि नियमित रूप से किया जाए तो हम निश्चित रूप से स्वस्थ रह सकते है भेषज विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो एसके राजपूत ने बताया कि ध्यान, योग, पौष्टिक आहार के द्वारा हम अपने शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत कर सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रिंस प्रशांत शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभाग के डॉ अभिषेक बंसल, कपिल कुमार गोयल, डॉ अश्वनी जांगड़ा, विनोद नौटियाल, आशीष पांडे, बलवंत सिंह रावत, रोहित, राहुल सिंह, कमल सिंह, दीपक नेगी उपस्थित रहे।