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पेशवाई भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और एकता-अखंडता की प्रतीक -स्वामी रामदेव
हरिद्वार। योगगुुरू स्वामी रामदेव ने कहा कि कुम्भ के मौके पर निकलने वाले पेशवाई भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और एकता-अखंडता की प्रतीक है। रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन की पेशवाई में योगगुरु स्वामी रामदेव ने शामिल होकर शुरुआत कराई। उन्होने कहा कि उनका मूल अखाड़ा योग परंपरा से जुड़ा है। परंतु हमारा अध्यात्म का अखाड़ा बड़ा उदासीन पंचायती अखाड़ा ही है। रामदेव ने कहा कि पेशवाई में कोरोना की गाइडलाइन का पालन होना जरूरी है। लेकिन पेशवाई में लोगों का उत्साह देखते ही बनता है, जिसमें थोड़ा बहुत कोरोना की गाइडलाइन टूटती दिखाई दे रही है। कहा कि लोग योग करके मजबूत हो गए हैं। श्री पंचायती उदासीन बड़ा अखाड़ा के श्रीमहंत महेश्वर दास महाराज ने कहा कि पेशवाई में देश विदेश से उदासीन संप्रदाय के संत, महात्मा, महामंडलेश्वर तपस्वी और श्रद्धालु शामिल हुए हैं। हमारी पेशवाई भारतीय संस्कृति अध्यात्म और राष्ट्रीय एकता अखंडता का सबसे बड़ा प्रतीक है। उन्होंने कहा कि उदासीन पंचायती अखाड़े की स्थापना श्रीमहंत प्रीतम दास ने की थी। उदासीन संप्रदाय की स्थापना गुरु नानक देव जी के बेटे भगवान श्री चंद्राचार्य महाराज ने की थी। पेशवाई में बड़ी संख्या में विभिन्न अखाड़ो के संत-महंत शामिल हुये।