कोचिंग सेंटर संचालको की मांग पचास फीसदी के साथ मिले संचालन की अनुमति

 

हरिद्वार। हरिद्वार कोचिंग एसोसिएशन ने आधी संख्या में इंस्ट्यिूट चलाने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। अध्यक्ष विभास सिन्हा की अध्यक्षता व संरक्षक जसपाल राणा के संचालन मे डाॅन बास्को सेंटर मे हुई एसोसिएशन की बैठक में कोचिंग संचालकों ने कोविड-19 के कारण शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के सरकारी आदेश पर विचार करते हुए मांग की कि पचास फीसदी छात्र संख्या के साथ कोचिंग सेंटर चलाने की अनुमति दी जाए। बैठक को संबोधित करते हुए संरक्षक जसपाल राणा ने कहा कि शिक्षण संस्थाएं एवं उनसे संबंधित लोग पहले ही भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में इस आदेश से स्तिथि और गंभीर हो जायेगी। अध्यक्ष विभास सिन्हा ने सरकार द्वारा भेदभाव बरतने और जनहित की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन शिक्षण क्षेत्र से संबंधित लोगों के बारे में गंभीरता से नहीं सोच रही है। राकेश अरोरा ने कहा कि आम जनता नियमों का पालन कर रही है। लेकिन सरकार स्वयं कोरोना की अनदेखी कर चुनावी रैलियां कर रही है। मनीष रावत ने सरकार द्वारा हर बार शिक्षण संस्थाओं को ही सबसे पहले बन्द करने और सबसे अंत में खोलने का मुद्दा उठाया। विजय अग्रवाल, सचिन सैनी और विपुल गोयल ने सभी के एकजुट होकर आगे आने तथा मिलकर काम करने का आहवान करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में एकजुट होना होगा। अनिल गौर ने कहा कि एकजुट होकर सरकार के सामने समस्या रखी जाए। अनिरुद्ध पोरवाल ने कहा कि पिछले एक साल से छात्र शिक्षा से विमुख होते जा रहे हैं। ऐसे में शिक्षण को पुनः पुनर्स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। अनुराग गोयल ने सरकार द्वारा छिटपुट तथा अव्यवस्थित रूप से सभी आवश्यक सेवाओं की बंदी को गैरजरूरी बताया। रोहित गेरा तथा मनीष सैनी ने शिक्षकों की भूमिका और कोरोना की रोकथाम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षण संस्थान ऐसी जगह हैं जहां से जागरूकता फैलाई जा सकती है। जो शायद कहीं और से संभव नहीं है। उपेंद्र चैधरी ने कहा कि सरकार को कोचिंग सेंटर संचालकों, कर्मचारियों व उनके परिवार का भी ध्यान रखना चाहिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि अपनी समस्याओं से अवगत कराने तथा राहत प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, क्षेत्र विधायक तथा जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर आधी छात्र संख्या के साथ कोचिंग सेंटर संचालित करने की अनुमति दी जाए।