नकली रेमडेसिविर बनाने वाले गिरोह का दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किया खुलासा,

 नकली दवाओं के साथ हरिद्वार से दो गिरफ्तार 

हरिद्वार। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तराखंड में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन व टेबलेट बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। हरिद्वार ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि आज सुबह दिल्ली क्राइम ब्रांच का फोन उनके पास आया था उन्होंने बताया कि नकली रेमड़ेसीविर इंजेक्शन दिल्ली में बेच रहे आरोप में पकड़ा गया एक आरोपी उत्तराखंड का है जिसने हरिद्वार में भी नकली इंजेक्शन बताए जाने की बात कबूल की है उनके द्वारा गोपनीय तरीके से कार्रवाई में मदद मांगी गई थी जिसके बाद आज रानीपुर कोतवाली के पास आरोपी के घर पर छापेमारी की गई,कार्रवाई में दिल्ली पुलिस ने हरिद्वार जिले से 2 लोगों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में इंजेक्शन की खाली शीशियां बरामद की। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का यह कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा था। बताया जा रहा है कि मौत के ये सौदागर 25 हजार रुपए में जरूरतमंदों से इंजेक्शन का सौदा करते थे। आज जब पूरा विश्व कोरोना की वैश्विक महामारी से त्रस्त है और इससे पीड़ित हर कोई उपचार के लिए सभी उपाय करने में लगा है और गंभीर कोरोना संक्रामितो के लिए उपचार हेतु रेमडेसिविर चिकित्सको द्वारा इस्तेमाल की जा रही है। मगर नकली दवाओं का धंधा कर पैसा कमाने वालों के लिए यह जैसे धन कमाने के अवसर बन कर आया  है और उन्होंने जीवन रक्षक दवा को पैसा कमाने का साधन बना लिया है और इस दवा को नकली रूप से तैयार करके बाजार में सप्लाई कर लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे है ऐसे ही नकली इंजेक्शन बेचने वालों को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पकड़ा और जब पूछताछ की गई तो उसका उसका कनेक्शन उत्तराखण्ड से मिला और क्राइम ब्रांच और हरिद्वार ड्रग विभाग की कार्यवाही में एक अभियुक्त को हरिद्वार से और एक को रुड़की से गिरफ्तार किया है और इनके पास से करीब 3 हजार खाली बॉयल भी बरामद की गयी है। बताया जा रहा है कि यह अब तक करीब 2 हजार नकली इंजेक्शन सप्लाई कर चुके है, और एक ऐसी कंपनी की दवाई भी मिली है जिसे 2019 में बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि मौत के ये सौदागर एक इंजेक्शन को 25 हजार रुपए में जरूरतमंदों को बेचते थे। दोनों अभियुक्तों से मिली जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच दिल्ली द्वारा कोटद्वार में कार्यवाही की गई। ड्रग इस्पेक्टर अनीता भारती का कहना है कि मंगलवार को सुबह 8 बजे मुझेे दिल्ली क्राइम ब्रांच द्वारा सूचना दी गई थी कि हमारेे द्वारा दिल्ली में कुछ रेमेडिसीविर के इंजेक्शन पकड़े गए हैं उसमें जो गिरोह है उसका एक सदस्य वह उत्तराखंड का है और हम वहां पर आ रहे हैं और आप मौकेेे पर आ करके हमारी टीम को सहयोग कीजियें। सूचना मिलने के बाद ड्रग्स इंन्सपेक्टर मौके पर पहुंची। खास बात यह है कि नकली दवा बनाने का कारोबार रानीपुर कोतवाली के पास हो रहा था। बहरहाल टीम ने आरोपी वतन कुमार सैनी के आवास पर क्राइम टीम के साथ ड्रग्स इन्सपेक्टर पहुची तो वहां से 3 हजार खाली वायल मिले हैं और उसके घर पर कुछ एक फार्मा कंपनी जो ड्रग विभाग द्वारा 2019 में बंद कर दी गई है उसकी कुछ दवाइयां मिली है। उसके पैकिंग मेटेरियल मिले हैं जो मेरे द्वारा मौके पर सीज करके और अभियुक्त के साथ क्राइम ब्रांच को सौंप दिए है आगे की जांच जारी है। ड्रग्स इन्सपेक्टर ने बताया कि क्राइम पुलिस द्वारा मुझेे बताया गया था कि जब तक हमारे द्वारा दूसरे अभियुक्त को जो कि रुड़की में काम कर रहा है उसको पकड़ लिया जाये तब तक बात को मामले का खुलासा न किया जाये। टीम ने आदित्य कुमार गौतम को रुड़की से पकड़ा है जो कि यह बात कबूल कर रहा है कि उसने मार्केेट से टैगजिम नाम की कोई इंजेक्शन है उसको सारे जगह से उठाया है और उसकी लेबलिंग सिर्फ चेंज करके रेमडीसीविर का लेबल लगातेेेे हुए मार्केट में सप्लााई की है, अभी तक उसने 2000 बायल सप्लाई की है पूरे मुजफ्फरनगर सहारनपुर और दिल्ली में ,उत्तराखंड में फिलहाल कोई सप्लाई नहीं है इस बात की पूरी जानकारी ले ली गई है, ड्रग कंट्रोलर द्वारा मुझे आदेशित किया गया है कि जैसा कि उनके द्वारा भी बताया गया है कि कोटद्वार में नेक्टर ड्रग्स कंपनी है वहां पर उनके द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया जा रहा था मेरे द्वारा भी वहां विजिट करके आगे के इंफॉर्मेशन सूचित की जाएगी, भारी मात्रा में जो शीशियां मिली है 20उस की हालांकि उनकी जो साइज है वह रेमडीसीबिर को प्रदर्शित कर रहा है पर उनका यह कहना है कि यह शीशियां हमने किसी और चीज के लिए मंगाई थी अभी इस बात की जानकारी और जांच जारी है आदित्य कुमार गौतम जो कि रुड़की का रहने वाला है और वतन कुमार सैनी जो कि हरिद्वार का रहने वाला है वह टिहरी विस्थापित कॉलोनी में रहता था ।