रामकृष्ण मिशन परमहंस जी की 186 वीं जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई,
हरिद्वार। कनखल में स्थित रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम मठ में स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी की 186 वीं जन्म जयंती श्रद्धा पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर मंगल आरती हवन भजन विशेष पूजा और प्रवचन आयोजित किए गए। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल के सचिव स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने कहा कि आज जिस तरह से धर्म के नाम पर लोग लड़ रहे हैं ऐसे में स्वामी रामकृष्ण परमहंस के विचार प्रासंगिक है। उन्होंने कहा था कि सब धर्मों का सार और मूल तत्व एक है अलग-अलग मत हो सकते हैं पंथ हो सकते हैं परंतु मूल रूप से परमपिता परमेश्वर एक है उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर खून बहाना अमानवीय है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जल का मूल रूप जल ही है, उसे लोग अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। वैसे ही भगवान का मूल स्वरूप एक है लोग उन्हें अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने नर सेवा नारायण सेवा का संदेश दिया था जिसे स्वामी विवेकानंद ने उनके शिष्य के रूप में नर सेवा नारायण सेवा के रूप में पूरे विश्व में प्रसारित किया और जिसका पालन रोगी नारायण सेवा के रूप में रामकृष्ण मिशन सेवाश्रचमी उमेश्वरानंद मंजू महाराज, स्वामी अनाद्यानंद जगदीश महाराज, स्वामी एकराश्रानंद महाराज, स्वामी देवानंद महाराज, स्वामी हरिमहिमानंद महाराज ,डॉ चैधरी ,डॉ कुलदीप, मिनी योहान्नन, अमरजीत सिंह गोकुल आदि उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन स्वामी दयाधिपानंद महाराज ने किया और स्वामी जी की जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं पर प्रकाश डाला