किसान आंदोलन के समर्थन में धरना देकर महामहिम को भेजा ज्ञापन

 हरिद्वार। राष्ट्रीय किसान मोर्चा के आह्वान पर विभिन्न संगठनों ने किसानों के समर्थन में सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर धरना दिया। इसके बाद राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। कृषि कानून वापस न लेने पर जेल भरो आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई। रविवार को बहुजन क्रांति मोर्चा, राष्ट्रीय मूल निवासी महिला संघ, बहुजन मुक्ति पार्टी, वाल्मीकि महासंघ के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रोष जताया। राष्ट्रीय किसान मोर्चा के प्रदेश संयोजक जबर सिंह ने कहा कि ये कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पारित किए गए हैं। आरोप लगाया कि पूंजीपतियों को अनाज की जमाखोरी करने के लिए सरकार खुली छूट दे रही है। यह भारतीय खाद्य निगम (फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया) को बंद करने की साजिश है। किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की इस कानून में कहीं कोई गारंटी नहीं दी गई है। जिसके विरोध में पूरे देश के अन्नदाता किसानों में भारी आक्रोश है। जमीअत उलेमा-ए-हिन्द के उत्तराखंड सदर मौलाना आरिफ कासमी ने कहा कि सरकार को अपनी हठधर्मिता छोड़कर देश के अन्नदाता किसानों की समस्या को शीघ्र हल कर देना चाहिए। बहुजन क्रांति मोर्चा के प्रदेश संयोजक भंवर सिंह ने कहा कि किसानों की मांग को मानते हुए सरकार को नए कृषि कानून रद्द करने चाहिए। वाल्मीकि महासंघ के संरक्षक पूर्व सांसद डॉ. भगवान दास राठौर, अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र तेश्वर ने कहा कि किसान विरोधी कृषि कानून वापस लेने तक हम किसान आंदोलन का समर्थन करते रहेंगे। वाल्मीकि महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र श्रमिक व जिलाध्यक्ष भानपाल सिंह रवि ने कहा कि किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार, रामसुरेश वर्मा, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ की प्रदेश अध्यक्ष ललिता रानी, विपिन पेवल, अजय कुमार, जितेंद्र तेश्वर, सुनील राजौर, मुकेश श्रमिक, प्रशांत राठौर, गंगा प्रसाद, फूल सिंह जगदीश प्रसाद, बबीता सिंह कोरी, काजल, संजीव बाबा, पुष्पेंद्र, पुरुषोत्तम, आशीष, रूपचंद आजाद, विनोद आजाद, उदयवीर सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष, अतुल देव, सन्नी, रफल पाल, राजू खेरवाल, आशु चंचल, आशीष राजौर, राजेश, सुरेशा, प्रियंका, सुनीता आदि शामिल रहे।