डीआरडीओ के निदेशक पहुचे पतंजलि,आचार्य बालकृष्ण ने किया स्वागत

 हरिद्वार। भारत सरकार के डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलप्मेंट आर्गेनाइजेशन के डी.एस.व डाॅयरेक्टर जनरल लाइफ साइंस डाॅ. ए.के. सिंह के शनिवार को पतंजलि योगपीठ पहुचने पर आचार्य बालकृष्ण ने स्वागत किया। इस अवसर पर डाॅ. सिंह ने पतंजलि अनुसंधान का भ्रमण कर पतंजलि द्वारा संचालित शोध कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पतंजलि स्थित विश्वस्तरीय लैब अत्याधुनिक संयंत्रों से युक्त है। डाॅ. सिंह ने कहा कि मेरा यह प्रथम अनुभव है कि आयुर्वेद में एनिमल ट्रायल से लेकर ह्यूमन ट्रायल तक एविडेंस बेस्ड मेडिसिन की ड्रग डिस्कवरी के प्रामाणिक कार्य का संपादन किया जा रहा है। आयुर्वेद में इस तरह का विश्वस्तरीय अनुसंधान कार्य पतंजलि योगपीठ के माध्यम से ही संभव है। इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित लैब एन.ए.बी.एल. मान्यता प्राप्त है। वर्तमान में पतंजलि अनुसंधान संस्थान में प्रमुख वैज्ञानिक डाॅ. अनुराग वाष्र्णेय के नेतृत्व में 500 वैज्ञानिक, एक हजार से अधिक आयुर्वेद के चिकित्सक व स्काॅलर्स एवं सैकड़ों शिक्षाविद् आचार्य निरंतर शोध कार्य में संलग्न हैं। उन्होंने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के माध्यम से गिलोय, अश्वगंधा, तथा तुलसी आदि पर आयुर्वेद आधारित सैकड़ों रिसर्च पेपर्स-नेचर्स, मोलिक्यूल्स,Úंटियर इन फार्मोकोलाॅजी, बाॅयो मोलिक्यूल्स, स्प्रिंगर तथा एल्सवेयर आदि विश्वस्तरीय जनरल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। बताया कि कोरोनिल के बाद पतंजलि अनुसंधान संस्थान जल्द ही चमत्कारिक गुणों से भरपूर दर्दनिवारक पीड़ानिल गोल्ड तथा पीड़ानिल स्प्रे, लीवर के लिए लीवोग्रीट तथा लीवामृत एडवांस आदि अनेक प्रामाणिक अनुसंधानपरक औषधियाँ लेकर आ रहा है। इसके उपरान्त आगन्तुक महानुभावों ने प्राचीन पाण्डुलिपियों के संरक्षण व संवर्धन हेतु निर्मित कैनवास पेंटिंग्स का अवलोकन किया तथा पतंजलि औषधीय उद्यान का भ्रमण किया। इस अवसर पर पतंजलि अनुसंधान संस्थान के डाॅ. वेदप्रिया आर्या, डाॅ. राजेश मिश्र तथा सैकड़ों वैज्ञानिक, सैकड़ों स्काॅलर्स व शिक्षाविद् उपस्थित रहे। इस दौरान पूर्व ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इण्डिया तथा वर्तमान डब्ल्यू.एच.ओ. के साइंटिफिक डायरेक्टर इण्डियन फार्मोकोकोपिआ जी.एन.सिंह भी मौजूद रहे।